नामधारी की रिमांड तीन दिन और बढ़ी
शराब कारोबारी पोंटी चढ्डा और उनके भाई हरदीप की हत्या के मामले में गिरफ्तार उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन सुखदेव सिंह नामधारी की पुलिस रिमांड पांच दिसंबर तक के लिए बढ़ गई है। महानगर मजिस्ट्रेट सुनील बेनीवाल की अदालत ने रविवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के अनुरोध पर तहकीकात को आगे बढ़ाने के लिए यह रिमांड अवधि बढ़ाई। नामधारी को गत 23 नवंबर को उत्तराखंड के उसके फार्म हाउस से गिरफ्तार किया गया था। 17 नवंबर को दिल्ली में हुए गोलीकांड के समय वह मौके पर मौजूद था और उसने हरदीप पर गोलियां चलाई थीं।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। शराब कारोबारी पोंटी चढ्डा और उनके भाई हरदीप की हत्या के मामले में गिरफ्तार उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन सुखदेव सिंह नामधारी की पुलिस रिमांड पांच दिसंबर तक के लिए बढ़ गई है। महानगर मजिस्ट्रेट सुनील बेनीवाल की अदालत ने रविवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के अनुरोध पर तहकीकात को आगे बढ़ाने के लिए यह रिमांड अवधि बढ़ाई। नामधारी को गत 23 नवंबर को उत्तराखंड के उसके फार्म हाउस से गिरफ्तार किया गया था। 17 नवंबर को दिल्ली में हुए गोलीकांड के समय वह मौके पर मौजूद था और उसने हरदीप पर गोलियां चलाई थीं।
पुलिस ने अदालत को बयाया कि हत्या में प्रयुक्त नामधारी की पिस्टल के साथ छेड़छाड़ और उसकी सफाई करने वाले पांच लोगों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। हत्यारोपी नामधारी ने उनकी गिरफ्तारी में सहयोग देने की पेशकश की है, इसलिए उसकी अवधि पांच दिनों के लिए बढ़ाई जानी चाहिए। लेकिन अदालत ने तीन दिनों के लिए रिमांड अवधि बढ़ाई। पुलिस ने अनुसार पूछताछ में नामधारी के बताए गए उसके सहयोगी- हरदयाल सिंह, सिमरनजीत सिंह, जसबीर सिंह, बलकार सिंह और बाज सिंह फरार हैं। ये सभी लोग 17 नवंबर की घटना में नामधारी के साथ थे।
नामधारी के वकील आरएस मलिक ने पुलिस की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल का इकबालिया बयान पूरी तरह से बनावटी है। यहां कि घटना के चश्मदीद के तौर पर दिए गए नामधारी के बयान को भी बदला गया है। इसलिए उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं, इस लिहाज से पुलिस रिमांड की मांग भी गलत है।
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