राज्यपाल की सहमति के बिना रिहा होना चाहती है नलिनी, दोबारा पहुंची हाई कोर्ट
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन तमिलनाडु के राज्यपाल की सहमति के बिना जेल से रिहा होना चाहती है। इसके लिए उसने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
चेन्नई, प्रेट्र। Former Prime Minister Rajiv Gandhi Assassination: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन (Nalini Sriharan) तमिलनाडु के राज्यपाल की सहमति के बिना जेल से रिहा होना चाहती है। इसके लिए उसने मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court)में याचिका दायर की है। उसने हाई कोर्ट से सभी अभियुक्तों को रिहा करने की राज्य सरकार की पहले की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने को असंवैधानिक घोषित करने की भी मांग की है।
शुक्रवार को यह याचिका सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पी डी ओदिकेशवलु की पीठ के समक्ष आई, जिसके बाद अदालत ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक (AIADMK) सरकार ने सितंबर 2018 में तत्कालीन राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित (Governor Banwarilal Purohit) से आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी सात अभियुक्तों मुरुगन (Murugan), संतन (Santhan), एजी पेरारिवलन (AG Perarivalan) रविचंद्रन (Ravichandran), जयकुमार (Jayakumar), राबर्ट पायस (Robert Payas) और नलिनी (Nalini) को रिहा करने की सिफारिश की थी।
पिछले साल नलिनी श्रीहरन ने खुदकुशी का प्रयास भी किया था। नलिनी के वकील पी पुगाझेंडी के अनुसार, जेल में नलिनी और उम्रकैद के सजायाफ्ता अन्य दूसरे कैदियों के बीच झगड़ा हुआ। नलिनी उसकी सेल में बंद दूसरी कैदी को कहीं और शिफ्ट करवाना चाहती है क्योंकि दोनों के बीच झगड़ा है। राजीव गांधी हत्याकांड की सात दोषियों में से एक नलिनी तमिलनाडु की वेल्लोर जेल में उम्रकैद की सजा काट रही है। वह 1991 से यानी करीब 30 साल से जेल में है। उसकी बेटी का जन्म भी जेल में ही हुआ था। उसके साथ ही राजीव गांधी हत्याकांड के 6 अन्य दोषी भी सजा काट रहे हैं। उनमें नलिनी का पति मुरुगन भी शामिल है!
इस मामले में नलिनी को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने 24 अप्रैल 2000 को उसकी सजा उम्रकैद में बदल दी। बता दें, तमिलनाडु के श्रीपेरमबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान 21 मई 1991 में लिट्टे के आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई थी।