सारदा चिटफंड केस: ईडी के समन के खिलाफ नलिनी चिदंबरम की अर्जी खारिज
नलिनी चिदंबरम ने अपनी याचिका में कहा था कि जांच के लिए महिलाओं को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उसके निवास स्थान से बाहर नहीं बुलाया जा सकता है।
चेन्नई, पीटीआइ। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम को सारदा चिटफंड घोटाला मामले में मद्रास हाइकोर्ट से राहत नहीं मिली है। मद्रास हाइकोर्ट ने सारदा चिटफंड घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बतौर गवाह पेशी के लिए प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) से मिले समन को चुनौती देने वाली नलिनी चिदंबरम की याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया। यानी नलिनी चिदंबरम को अब बतौर गवाह पेश होना होगा।
दरअसल, नलिनी चिदंबरम ने अपनी याचिका में कहा था कि जांच के लिए महिलाओं को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उसके निवास स्थान से बाहर नहीं बुलाया जा सकता है। लेकिन न्यायमूर्ति एसएम सुब्रमण्यम ने उनकी यह दलील अस्वीकार कर दी है। अदालत ने कहा कि ऐसी छूट अनिवार्य नहीं है। ये धारा किसी भी मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर निर्भर करता है, लेकिन इस मामले में ये छूट नहीं दी जा सकती।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने नलिनी की याचिका पर 145 पन्नों के अपने फैसले में कहा, 'कोर्ट का मानना है कि लिंग के आधार पर नियमित तरीके से छूट नहीं मांगी जा सकती है। अदालत ने पहले लगाई गयी रोक हटाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन पर यह फैसला सुनाया। इसके साथ ही न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम ने प्रवर्तन निदेशालय को जांच के लिए नई तारीख निर्धारित करते हुए नया समन जारी करने और कानून के अनुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
ज्ञात हो कि 7 सितंबर, 2016 को समन जारी कर वरिष्ठ वकील नलिनी चिदंबरम को सारदा चिटफंड घोटाले के सिलसिले में अपने कोलकाता कार्यालय में पेश होने के लिये कहा था।