पति को पत्नी की हत्या के जुर्म में पुलिस ने भेजा जेल, पत्नी बोली- 'मैं जिंदा हूं...'
लेकिन पुलिस को मिली सिर कटी लाश शिल्पा की नहीं थी। इसका खुलासा तब हुआ, जब शिल्पा घर लौट आई। उसने बताया कि वह झगड़ा होने के बाद अपने एक रिश्तेदार के घर रह रही थी।
नागपुर, जेएनएन। महाराष्ट्र के एक शख्स पर पुलिस ने अपनी ही पत्नी की हत्या का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया। इस शख्स ने कथित तौर पर अपना जुर्म कबूल भी कर लिया। लेकिन पुलिस के होश तब उड़ गए, जब इस शख्स की जिंदा पत्नी लौट आई। ऐसे में पुलिस ने तुरंत इस शख्स को रिहा कर दिया और मामला वापस ले लिया। लेकिन नागपुर पुलिस के द्वारा हुई इस लापरवाही पर अब राजनीति शुरू हो गई है। नागपुर के एक कांग्रेस नेता ने इस पर विपक्ष से जवाब मांगा है।
नागपुर के 35 वर्षीय दीपक सोमकुवर पर पिछले साल अक्टूबर में अपनी पत्नी शिल्पा के मर्डर का आरोप लगा था। रामटेक पुलिस ने कुछ दिनों पहले उसे गिरफ्तार करके नागपुर जेल भेज दिया। दरअसल अक्टूबर 2017 में सोमकुमार और शिल्पा का किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। इसके बाद शिल्पा पति को छोड़कर चली गई।
शिल्पा के घर छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही पुलिस को एक सिर कटी महिला की लाश सतरापुर के बोंदरी गांव में मिली थी। दीपक की पत्नी लापता थीं और पुलिस को उसके फोन का लोकेशन भी लाश के आसपास मिला था। ऐसे में पुलिस का पहला शक दीपक पर ही गया। फिर क्या था पुलिस ने महिला की सिर कटी लाश को शिल्पा मानकर दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
लेकिन पुलिस को मिली सिर कटी लाश शिल्पा की नहीं थी। इसका खुलासा तब हुआ, जब शिल्पा घर लौट आई। उसने बताया कि वह झगड़ा होने के बाद अपने एक रिश्तेदार के घर रह रही थी। ऐसे में रामटेक पुलिस ने आनन-फानन में सोमकुमार पर लगे सारे आरोप वापस ले लिए। इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ता उदयसिंह यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस ने दीपक की चार्जशीट में यह भी कहा कि उसने अपना जुर्म कबूल किया है। सरकार को दीपक और उनके परिवार के साथ हुए अन्याय की क्षतिपूर्ति करनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि इस मामले में ग्रामीण पुलिस की लापरवाही सामने आई है।