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नाभा जेल ब्रेक : सेखों के प्यार ने पहुंचाया दोबारा सलाखों के पीछे

दो शादियां की थी गैंगस्टर ने, दोनों पत्नियां रहती थीं एक साथ..

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 14 Feb 2017 12:45 AM (IST)Updated: Tue, 14 Feb 2017 04:09 AM (IST)
नाभा जेल ब्रेक : सेखों के प्यार ने पहुंचाया दोबारा सलाखों के पीछे
नाभा जेल ब्रेक : सेखों के प्यार ने पहुंचाया दोबारा सलाखों के पीछे

मनोज त्रिपाठी, चंडीगढ़। नाभा जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड गुरप्रीत सिंह सेखों तक पहुंचने के लिए सेखों की दो पत्नियां पुलिस का सहारा बनीं। जेल ब्रेक के ढाई महीने बाद गिरफ्तार किए गए सेखों तक पुलिस को पहुंचाने में उसके प्यार ने काफी मदद की। जेल ब्रेक के बाद जब पुलिस के हाथ कोई खास सुराग नहीं लग रहा था, तो पुलिस ने सभी फरार गैंगस्टरों के करीबियों की जानकारियां खंगाली। इसी खोजबीन में पुलिस को जानकारी मिली कि सेखों ने दो शादियां की हैं और दोनों पत्नियां एक साथ ही रहती हैं। इसके बाद से पुलिस ने सारा फोकस कर दिया।

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गिरफ्तारी के चार दिन पहले पंजाब आने के बाद वह हांगकांग का वीजा लगवाने के लिए संबंधित कागजात तैयार कराने में जुटा था। पंजाब पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं से अपनी पड़ताल जारी रखी थी।

सेखों के एक करीबी से पुलिस को जानकारी मिली थी कि सेखों अपनी पत्ि‌नयों व बेटियों से ज्यादा दिन दूर नहीं रह सकता है, इसलिए उसकी कोशिश है कि किसी भी प्रकार से वह उन्हें साथ लेकर विदेश भाग जाए। सेखों के पिता पहले से ही कनाडा में रहते हैं।

पुलिस ने सेखों की दोनों पत्नियों पर भी नजर रखी। चूंकि उसकी पत्नियां सेखों के गैंग व उसके कारोबार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखती थीं।

पंजाब आने से पहले उसके परिवार ने विदेश जाने व वीजा लेने संबंधी सारे कागजात तैयार कराने शुरू कर दिए थे। इस काम में उनकी मदद एक करीबी दोस्त ने की थी। पुलिस ने पता लगा लिया था कि वह चीन जाने की तैयारी में है। वहां के वीजा नियमों में बदलाव हो गया था इसलिए सेखों को अपने कागजात बनवाने के लिए पंजाब आना ही पड़ा। नहीं तो वह महाराष्ट्र से ही चीन निकलने के जुगाड़ में था।

पुलिस को इस बात की भी पुख्ता जानकारी मिली है कि नाभा जेल से फरार होने के बाद सेखों की मदद संभवत: राजस्थान के बाहुबली आनंदपाल व राजू सेठ गैंग ने की थी।

फरार एनआरआइ के घर से मिले राजनीति पार्टी के झंडे

नाभा जेल ब्रेक के आरोपियों को शरण देने वाले मोगा जिले के गांव ढुडीके के एनआरआइ द¨वदर सिंह उर्फ गोल्डी के घर एक राजनीतिक पार्टी के झंडे मिले हैं। हालांकि पुलिस इससे इन्कार कर रही है। गोल्डी अब तक फरार है। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए पांच जगह छापामारी भी की, लेकिन वह हाथ नहीं आया।

हथियारों से लैस था सेखों

जेल ब्रेक में फरार हुए गैंगस्टर जल्द ही हथियारों से लैस हो गए थे। वारदात के बाद पुलिस की ओर से गिरफ्तारी के लिए किए जा रहे प्रयास और चुनाव में पुलिस की चौतरफा मुस्तैदी के कारण फरार गैंगस्टर पंजाब से बाहर रहे। चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर आ धमके। बताया जा रहा है कि चुनाव के बाद गैंगस्टर बड़ी वारदात करने की तैयारी में थे। गुरप्रीत सेखों रंजिश के कारण मोगा के कुलवंत राय कटारिया नाम के पेट्रोल पंप मालिक की हत्या करने की साजिश रच रहा था। डीआइजी आशीष चौधरी ने बताया कि जेल से भागे मास्टर माइंड गुरप्रीत सिंह सेखों के खिलाफ जेल ब्रेक करने के अलावा हत्या, लूट, मारपीट, जान से मारने की कोशिश करने सहित अन्य कई तरह के 30 मामले दर्ज हैं। गुरप्रीत सिंह सेखों व उसके तीन साथियों को सोमवार को नाभा की अदालत में पेश किया गया। वहां अदालत ने उनको पांच दिनों के लिए रिमांड पर भेज दिया है।

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