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सिद्दरमैया की पत्नी से 14 प्लॉट लेने को तैयार MUDA, क्या खत्म हो जाएंगी मुख्यमंत्री की मुश्किलें?

मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती बी.एम. की तरफ से लौटाए 14 प्लॉट वापस लेने को तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री की पत्नी बीएन पार्वती ने MUDA को पत्र लिखकर प्लॉट वापस करने की पेशकश की थी और कहा था कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन रही हैं। इसके बाद MUDA ने कहा कि वे इसे वापस लेने से पहले कानूनी सलाह लेंगे।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 01 Oct 2024 09:36 PM (IST)
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MUDA सिद्दरमैया की पत्नी से 14 प्लॉट लेने को तैयार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) मंगलवार को मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती बी.एम. की तरफ से लौटाए 14 प्लॉट वापस लेने को तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री की पत्नी बीएन पार्वती ने MUDA को पत्र लिखकर प्लॉट वापस करने की पेशकश की थी और कहा था कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन रही हैं।

इसके बाद MUDA ने कहा था कि वे इसे वापस लेने से पहले कानूनी सलाह लेंगे, क्योंकि मामला जांच के दायरे में है। शहर के पास केसारे गांव में 3.16 एकड़ भूमि के उपयोग के मुआवजे के रूप में उन्हें विजयनगर चरण 3 और 4 में 14 प्लॉट बांटे गए थे, जो मैसूर के प्रमुख क्षेत्र हैं। एक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता ने शिकायत की थी कि इससे राज्य को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

'पति के सम्मान से ज्यादा नहीं है प्लॉट'

बता दें कि MUDA को पत्र लिखकर, पार्वती ने कहा कि वह पहले भूखंड वापस करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी गई क्योंकि MUDA मामले में उनके पति के खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित थे। मेरे लिए कोई भी घर, प्लॉट या संपत्ति मेरे पति के सम्मान, गरिमा और मन की शांति से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है। इतने वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद, मैंने कभी भी अपने या अपने परिवार के लिए कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं चाहा है।

ईडी ने दर्ज किया था मामला

मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में राज्य लोकायुक्त की एफआईआर का संज्ञान लेते हुए ईडी की तरफ से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के एक दिन बाद इस केस में नया मोड़ आया है। 

एमयूडीए आयुक्त एएन रघुनंदन ने मंगलवार को कहा, 'कानून के प्रावधानों के अनुसार, हम जमीन के भूखंडों को वापस ले सकते हैं। हमने अधिवक्ताओं के एक पैनल के साथ इस पर चर्चा की। हमने जमीन वापस लेने का फैसला लिया और हमने उन्हें सेल रद्द करने का निर्देश दिया है।'

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