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हार्वर्ड बनाम हार्डवर्क पर मोदी-चिदंबरम भिडंत

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संप्रग-दो सरकार का आखिरी बजट पेश करते समय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम अर्थशास्त्री नहीं बल्कि राजनीतिक अवतार में दिखे। कुछ समय से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर वार करते आ रहे चिदंबरम इस मौके पर भी नहीं चूके। बिना नाम लिए जहां उन्होंने मोदी के खुद पर किए गए कटाक्षों पर पलटवार किया, वहीं सांप्रदायिकता के मुद्दे पर भी भाजपा नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए अनुपयुक्त करार दिया।

By Edited By: Published: Mon, 17 Feb 2014 05:10 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2014 07:03 PM (IST)
हार्वर्ड बनाम हार्डवर्क पर मोदी-चिदंबरम भिडंत

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। संप्रग-दो सरकार का आखिरी बजट पेश करते समय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम अर्थशास्त्री नहीं बल्कि राजनीतिक अवतार में दिखे। कुछ समय से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर वार करते आ रहे चिदंबरम इस मौके पर भी नहीं चूके। बिना नाम लिए जहां उन्होंने मोदी के खुद पर किए गए कटाक्षों पर पलटवार किया, वहीं सांप्रदायिकता के मुद्दे पर भी भाजपा नेता को प्रधानमंत्री पद के लिए अनुपयुक्त करार दिया। चिदंबरम के बजट पेश करने के तुरंत बाद ही मोदी ने बजट को निराशाजनक बताते हुए फिर हार्वर्ड और हार्डवर्क के मुद्दे को लेकर चिदंबरम पर तंज कस दिया।

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पिछले दिनों नरेंद्र मोदी ने महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था पर चिदंबरम को आड़े हाथ लिया था। हार्वर्ड विश्वविद्यालय से उनकी पढ़ाई पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा था, 'देश चलाने के लिए हार्वर्ड की डिग्री नहीं, बल्कि हार्डवर्क (कठोर परिश्रम)की जरूरत होती है।' बजट पेश करते समय चिदंबरम ने मोदी के इस कटाक्ष का जवाब दिया। पहले तो वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था पहले के दो वर्ष से अब ज्यादा स्थिर है। उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पहले प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री हुआ करते थे। चिदंबरम ने चालू घाटा काबू करने, तिमाही विकास दर बढ़ने, स्थिर मुद्रा और निर्यात बढ़ने के अलावा तमाम परियोजनाओं के शुरू होने का जिक्र किया।

अपनी क्षमताओं के सुबूत के रूप में इसे पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 'यह सब कठोर परिश्रम का परिणाम है। अन्य गुरुओं के साथ-साथ मैं मेरी माता जी और हार्वर्ड का उल्लेख करना चाहूंगा, जिन्होंने मुझे कठोर परिश्रम (हार्डवर्क) की अहमियत सिखाई।'

चिदंबरम ने बजट भाषण के आखिर में संत थिरुवल्यूवर की पंक्तियां पढ़ते हुए मोदी पर सांप्रदायिकता के मुद्दे को लेकर हमला किया। 'भाले-बरछे नहीं, बल्कि सिर्फ समता और बराबरी से युक्त सत्ता ही राजा को असली विजय दिलाती है।' इसके बाद चिदंबरम ने प्रसिद्ध लेखक सुनील खिलनानी को भी उद्धृत किया।

इसके मुताबिक 'लोकतंत्र, धार्मिक सहष्णिुता, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक बहुलवाद जैसे विविध मूल्यों को समर्पित एक आधुनिक राज्य बनाने के लिए हर संभव सहयोग देने के उद्देश्य पर अपनी आस्था नहीं डिगने दी।' बकौल चिदंबरम, 'मुझे यकीन है कि भारत के लोग यह जिम्मेदारी उन्हीं हाथों में सौपेंगे जो समता द्वारा नियंत्रित सत्ता को धारण करें।'

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