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नक्सल इलाकों में पदस्थ जवानों को अवसाद से बचाने म्यूजिक थेरेपी का सहारा

नक्सल इलाकों में घने जंगलों में पुलिस और अर्धसैन्य बलों के कैंपों में जवानों की जिंदगी दिन रात हमले की आशंका और तनाव के बीच गुजरती है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 10:34 PM (IST)
नक्सल इलाकों में पदस्थ जवानों को अवसाद से बचाने म्यूजिक थेरेपी का सहारा
नक्सल इलाकों में पदस्थ जवानों को अवसाद से बचाने म्यूजिक थेरेपी का सहारा

अनिल मिश्रा रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि । बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में पदस्थ जवानों को अवसाद से बचाने पुलिस म्यूजिक थेरेपी का सहारा लेगी। पुलिस मुख्यालय में इसकी योजना बन चुकी है। विधानसभा के बजट सत्र के बाद बस्तर के घने जंगलों में पुलिस कैंपों में कलाकारों का दल पहुंचने लगेगा। पुलिस अफसरों का मानना है कि म्यूजिक थेरेपी से जवानों को अवसाद से उबारने में मदद मिलेगी। म्यूजिक थेरेपी के साथ ही जवानों का मनोचिकित्सकों से उपचार भी कराया जाएगा।

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नक्सल इलाकों में घने जंगलों में पुलिस और अर्धसैन्य बलों के कैंपों में जवानों की जिंदगी दिन रात हमले की आशंका और तनाव के बीच गुजरती है। इन इलाकों में मोबाइल नेटवर्क नहीं हैं जिससे जवानों की परिवार से बात भी नहीं हो पाती है। ऐसे में अक्सर जवान अवसाद का शिकार हो जाते हैं। बस्तर में पिछले 12 सालों में 36 जवान आत्महत्या कर चुके हैं। जवानों द्वारा अपने साथियों पर फायरिंग की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। अब पुलिस ने इसका समाधान संगीत के रूप में निकाला है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि संगीत तनाव कम करने में बेहद उपयोगी माना गया है। यह प्राकृतिक उपचार है। इसीलिए जंगल में स्थित कैंपों में संगीत के आयोजनों की रूपरेखा तैयार की गई है। कलाकार पुलिस कैंपों में दो-तीन घंटे के लिए जाएंगे और जवानों का मनोरंजन करेंगे। कलाकारों के साथ ही मनोचिकित्सकों को भी भेजा जाएगा ताकि जवानों की मानसिक स्थिति की जांच की जा सके।

घर से दूर रहना पड़ रहा भारी

महीनों घर परिवार से दूर रहना जवानों को भारी पड़ रहा है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि अंदरूनी इलाकों में ऐसे पुलिस क्वार्टर भी बनाए जाने की जरूरत है जिसमें जवानों के परिवार रह सकें। इससे उन्हें काम के तनाव को दूर करने में मदद मिल सकती है। पारिवारिक तनाव की वजह से ही दिसंबर में बीजापुर जिले के बासागुड़ा कैंप में एक जवान ने अपने साथियों पर भी एके 47 रायफल चला दी थी जिसमें चार जवानों की मौत हो गई थी।

नक्सल ऑपरेशन के स्पेशल डीजी डीएम अवस्थी ने बताया कि जंगल में तैनात जवानों को अवसाद से उबारने म्यूजिक थेरेपी देने की योजना बनाई गई है। कैंपों में मनोचिकित्सक भी भेजे जाएंगे। विधानसभा के बजट सत्र के बाद यह कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।


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