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स्कूली बच्चों के खाने की गुणवत्‍ता होगी बेहतर, कृषि मंत्रालय ने दिया सुझाव

कृषि मंत्रालय के स्कूलों में बच्चों को उपलब्ध कराए जाने वाले मिड-डे मील में मशरूम और शहद को भी शामिल करने का सुझाव दिया है। जिसे शिक्षा मंत्रालय ने तेजी से आगे बढ़ाया है। साथ ही सभी राज्यों को इस पर अमल का सुझाव दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:45 PM (IST)
स्कूली बच्चों के खाने की गुणवत्‍ता होगी बेहतर, कृषि मंत्रालय ने दिया सुझाव
मिड डे मील के तहत खाना खाते स्कूली बच्चे (फाइल फोटो)।

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता और बेहतर होगी। मिड-डे मील योजना के तहत अब उन्हें खाने में मशरूम और शहद जैसी पौष्टिक चीजें भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही उन्हें आने वाले दिनों में जो नाश्ता उपलब्ध कराया जाएगा, उसमें गुड़ की चिक्की और लड्डू जैसी चीजें शामिल होगी। यानी नाश्ते में जो भी होगा, वह रेडी-टू-ईट होगा और पैकिंग में होगा, लेकिन इसमें बिस्किट या कंपनियों की बनी कोई भी सामग्री नहीं होगी। 

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कृषि मंत्रालय ने खाने में मशरूम और शहद को शामिल करने का दिया सुझाव

स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही मिड-डे योजना में नाश्ते को शामिल करने का प्रस्ताव को लेकर राज्यों से सुझाव आने शुरू हो गए है। इस बीच बच्चों को नाश्ते में कुछ इस तरह की पौष्टिक चीजों को उपलब्ध कराने को लेकर सुझाव आ रहे है, जिन्हें खाने में आसानी हो और पौष्टिक भी हो। साथ ही नाश्ते को स्कूलों में बनाने का झंझट नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे रेडी-टू-ई ही रखा जाएगा। जिसे स्थानीय स्वंयसेवी संस्थाओं या महिला स्वयं सहायता समूहों से तैयार कराया जाएगा। 

शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को भेजा प्रस्ताव

शिक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें राज्यों से मिल रहे इन सुझावों से स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा। हालांकि सभी सुझावों के सामने आने के बाद इसे लेकर राज्यों के साथ अंतिम चर्चा भी की जाएगी। इसी बीच कृषि मंत्रालय के स्कूलों में बच्चों को उपलब्ध कराए जाने वाले मिड-डे मील में मशरूम और शहद को भी शामिल करने का सुझाव दिया है। जिसे शिक्षा मंत्रालय ने तेजी से आगे बढ़ाया है। साथ ही सभी राज्यों को इस पर अमल का सुझाव दिया है। 

केंद्रीय कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने इस संबंध में लिखे अपने पत्र में कहा है कि इससे बच्चों को पर्याप्त पोषण मिलेगा, साथ ही किसानों को भी फायदा होगा। जो मशरूम की खेती के लिए तेजी से आगे आएंगे। मंत्रालय ने इस दौरान पिछले सालों में देश में मशरूम की खेती और शहद के उत्पादन को लेकर बढ़े रूझान की भी जानकारी दी है। फिलहाल मिड-डे मील के तहत बच्चों को पौष्टिक और ताजा खाना उपलब्ध कराने को लेकर जोर है। हालांकि इसके बाद भी खाने की गुणवत्ता को लेकर अक्सर शिकायतें मिलती ही रहती है। 


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