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मप्र: नैतिक शिक्षा की किताब में परवेज मुशर्रफ महापुरुष

मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ महापुरुष हैं। जबकि मुशर्रफ के कार्यकाल में कारगिल युद्ध हुआ, जिसमें भारत के कई सैनिक शहीद हुए थे। गायत्री पब्लिकेशन दिल्ली की किताब से यह विवादित पाठ हटवाने के

By Sanjay BhardwajEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2015 09:48 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2015 09:59 AM (IST)
मप्र: नैतिक शिक्षा की किताब में परवेज मुशर्रफ महापुरुष

जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर के एक स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ महापुरुष हैं। जबकि मुशर्रफ के कार्यकाल में कारगिल युद्ध हुआ, जिसमें भारत के कई सैनिक शहीद हुए थे। गायत्री पब्लिकेशन दिल्ली की किताब से यह विवादित पाठ हटवाने के लिए जबलपुर में विरोध शुरू हो गया है। बच्चों को ऐसा दूषित पाठ पढ़ाने वाला ग्वारीघाट स्थित आशा क्राइस्ट स्कूल है।

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लेखक पंकज जैन का दावा है कि नेशनल कौंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने उनकी किताब को मान्यता दी है। नैतिक शिक्षा सामान्य ज्ञान एवं योग के नाम से जारी यह किताब कक्षा-7 में पढ़ाई जा रही है। इसके अध्याय क्रमांक-8 खंड-ख में महापुरुषों को पहचानें शीर्षक के नीचे 6 विशेष व्यक्तियों की फोटो हैं। इस बीच, विरोध को देखते हुए स्कूल ने किताब पर प्रतिबंध लगा दिया है।

वाजपेयी से ऊपर सोनिया, मुशर्रफ

किताब के 36 नंबर पेज पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की छह फोटो दी गई है। इनमें पहले नंबर पर दलाई लामा फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, परवेज मुशर्रफ, दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत नेता नेल्सन मंडेला, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश के बाद सबसे आखिर में देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम है।

पब्लिशर फर्जी तो नहीं

विवादित किताब छापने वाला पब्लिशर पहली जांच में फर्जी नजर आ रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की टीम ने मंगलवार को स्कूल जाकर जांच की। इस दौरान ऐसे तथ्य सामने आए जिसमें किताब छापने और बेचने वाले पब्लिशर के साथ स्कूल प्रबंधन दोषी नजर आ रहा है। शुरुआती जांच में ही पता चल गया है कि पब्लिशर ने बिना किसी आधार के एनसीआरटी का नाम किताब में दर्ज किया है। वहीं स्कूल वालों बिना सोचे समझे ही एनसीआरटी का नाम देखकर किताब बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।

आप भी देख सकते हैं प्रकाशक और किताब

-यदि आपके बच्चे को स्कूल वाले एनसीईआरटी की मान्यता के नाम पर कोई किताब खरीदने को कह चुके हैं तो आप उसकी हकीकत जांच सकते हैं। इसके लिए आपको एनसीआरटी की वेबसाइट पर जाना होगा।

-वेबसाइट का पहला पेज खुलते ही, सबसे ऊपर आपको पक्लिशर का ऑप्शन नजर आएगा।

-इस ऑप्शन के ठीक नीचे हिन्दी, अंग्रेजी, प्राइमरी और मिडिल के लिए अधिकृत किताबों की डिटेल और पब्लिशर के नाम भी मिलेंगे। लेकिन इनसे हटकर यदि कोई किताब पढ़ाई जा रही है, तो इसका मतलब है कि वह फर्जी हो सकती है।

स्कूल में किताब को पढ़ाए जाने पर रोक

स्कूल में किताब को पढ़ाए जाने पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्रवाई करने में सक्षम हैं। यदि नियमों का उल्लघंन किया गया है तो कार्रवाई जरूर होगी। वहीं, एनसीआरटी भी अपने स्तर पर पब्लिशर के खिलाफ कार्रवाई करेगा। - शिवनारायण रूपला, कलेक्टर, जबलपुर (मप्र)

[साभार: नई दुनिया]


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