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जोशी, कल्याण समेत भाजपा के कई दिग्गज राजभवन में दिखेंगे

उत्तर प्रदेश के कई बड़े दिग्गज जल्द ही राजभवनों में दिखेंगे। संसद सत्र की समाप्ति के एक हफ्ते के अंदर करीब आधा दर्जन राज्यों के राज्यपाल बदले जा सकते हैं। इन राज्यों में डॉ. मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, केसरीनाथ त्रिपाठी, लालजी टंडन, यशवंत सिन्हा, वीके मल्होत्र और जसवंत सिंह जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं

By Edited By: Published: Fri, 06 Jun 2014 08:02 AM (IST)Updated: Fri, 06 Jun 2014 11:59 AM (IST)
जोशी, कल्याण समेत भाजपा के कई दिग्गज राजभवन में दिखेंगे

नई दिल्ली [आशुतोष झा]। उत्तर प्रदेश के कई बड़े दिग्गज जल्द ही राजभवनों में दिखेंगे। संसद सत्र की समाप्ति के एक हफ्ते के अंदर करीब आधा दर्जन राज्यों के राज्यपाल बदले जा सकते हैं। इन राज्यों में डॉ. मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, केसरीनाथ त्रिपाठी, लालजी टंडन, यशवंत सिन्हा, वीके मल्होत्र और जसवंत सिंह जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को राज्यपाल बनाकर भेजा जा सकता है। यह लगभग तय है कि राजग काल में नौकरशाहों को राजभवन नहीं भेजा जाएगा।

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भाजपा की इस सूची में जसवंत नाम सबसे चौंकाने वाला है। भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बागी होकर चुनाव लड़ चुके जसवंत ने हाल ही में लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की थी। माना जा रहा है इसी मुलाकात के बाद पार्टी का रुख जसवंत के प्रति नरम पड़ा है।

नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से दूर रहे जोशी के लिए पहले ही भूमिका तय कर ली गई थी। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव से दूर रहे उत्तर प्रदेश के कई अन्य नेताओं को भी गरिमा के अनुसार पद देने की तैयारी है। हिमाचल प्रदेश और दूसरे राज्यों से भी वरिष्ठ नेताओं की एक सूची तैयार की गई है। बताते हैं कि 12 जून को सत्र समाप्त होने के बाद इस पर तत्काल काम शुरू हो सकता है। इन नेताओं को उनके कद के हिसाब से राज्य दिए जाएंगे। इस क्त्रम में पहले कुछ नौकरशाहों के भी नामों की चर्चा थी, लेकिन प्रधानमंत्री राज्यपाल के पद पर केवल राजनीतिाों को भेजना चाहते हैं। गौरतलब है कि लगभग एक दर्जन पुराने राज्यपालों को हटाने की चर्चा पहले से थी। संभवत: कांग्रेस काल के कई राज्यपालों ने इसकी संभावना देखते हुए पहले ही आलाकमान को अपने इस्तीफे भेज दिए थे। इनमें कई राज्यपालों का कार्यकाल भी चार साल से ऊपर हो चुका है। सूत्रों के अनुसार इसमें केरल की शीला दीक्षित, कर्नाटक के हंसराज भारद्वाज, राजस्थान की मार्गेट अल्वा शामिल थीं। केरल, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान जैसे कई राज्यों में भाजपा वहां के राज्यपाल पर भेदभाव का आरोप लगाती रही है।

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