Move to Jagran APP

जब डेड बॉडी अपने पैसे निकालने पहुंची बैंक, जानिए कैसे बैंक नियमों ने ली इस शख्स की जान

'हमने अपने भाई की फोटो क्लिक करके भी बैंक अधिकारियों को दिखाई जिसके बाद उन्होंने कहा कि वे उसके हस्ताक्षर लेने के लिए अस्पताल तक जाएंगे। लेकिन उन्होंने ये भी नहीं किया।'

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 10:05 AM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 04:31 PM (IST)
जब डेड बॉडी अपने पैसे निकालने पहुंची बैंक, जानिए कैसे बैंक नियमों ने ली इस शख्स की जान
जब डेड बॉडी अपने पैसे निकालने पहुंची बैंक, जानिए कैसे बैंक नियमों ने ली इस शख्स की जान

मुंबई (जेएनएन)। बैंकों के पेचीदा नियम किस तरह किसी की जान तक ले सकते हैं इसकी बानगी आप इस खबर को पढ़ कर जान सकते हैं। मामला मुंबई के उल्हासनगर का है। दरअसल यहां का एक परिवार अपने एक सदस्य के मृत शरीर को लेकर पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) के उल्हासनगर शाखा पहुंच गया। उनकी मांगें थी कि वे उनके परिवार के सदस्य जो अब मर चुका है उसके अकाउंट से पैसे निकाल कर उन्हें सौंपे। बताया जाता है कि उनका परिवार का सदस्य गणेश कांबले पिछले दो महीनों से लकवाग्रस्त होने के कारण अस्पताल में भर्ती था।

loksabha election banner

बैंकों ने दिया नियम का हवाला
खाताधारक गणेश कांबले को दिसंबर में लकवा की शिकायत होने के बाद अब से दो महीने पहले केईएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से ही उसके अभिभावक पैसे निकालने के लिए बैंक के चक्कर काट रहे थे। वे बैंक से अनुरोध कर रहे थे कि वे कांबले के अकाउंट में पड़े 25,000 रुपये उन्हें निकाल कर दें, उनका कहना था कि वह स्वयं बैंक तक आने की अवस्था में नहीं है औऱ उसके इलाज के लिए पैसों की सख्त जरूरत थी। बैंक अधिकारियों ने अपने नियमों का हवाला देते हुए कहते रहे कि कांबले का व्यक्तिगत अकाउंट है और उसके बिना कोई उसके खाते के पैसे को हाथ नहीं लगा सकता है।

सबूत दिखाने पर भी बैंक ने नहीं की कार्रवाई
कांबले की बहन महानंदा यादव ने कहा, मेरे माता-पिता हर रोज अपने भाई के लिए केईएम अस्पताल तक जाते रहे। इसी बीच उन्हें बैंकों के भी चक्कर लगाने पड़ते थे वहां उन्हें गुजारिश करते थे कि वे कांबले के पैसे को निकाल कर उन्हें दें। लेकिन बैंक अधिकारी कहते रहे कि इसके लिए खाताधारक के हस्ताक्षर की जरूरत है। मेरा भाई अस्पताल के बिस्तर पर बेहोश पड़ा था। वे इसकी कल्पना भी कैसे कर सकते हैं कि हम इस अवस्था में उससे हस्ताक्षर करवा लें। हमने अपने भाई की फोटो क्लिक करके भी बैंक अधिकारियों को दिखाई जिसके बाद उन्होंने कहा कि वे उसके हस्ताक्षर लेने के लिए अस्पताल तक जायेंगे। लेकिन उन्होंने ये भी नहीं किया। महानंदा ने आगे कहा, हमने अपने रिश्तेदारों से अपने भाई की दवाइयों के लिए कर्ज लिया। पिछले सप्ताह मेरे पिता फिर से बैंक गए थे उन्होंने कहा कि वे अस्पताल साथ में चलेंगे, लेकिन वे नहीं आए और मेरा भाई मर गया। इसलिए हम अपने मृत भाई को अब यहां लेकर आए हैं, उन्हें ये दिखाने के लिए कि अगर वे समय पर हमें पैसे दे देते तो हम अपने भाई के लिए कुछ कर सकते थे।

इस मामले पर क्या कहना है बैंक का
उल्हासनगर पीएनबी बैंक के अधिकारी सोमनाथ सरोडे ने कहा- हम खाताधारक के अलावा और किसी को पैसे नहीं दे सकते हैं। मानवता के लिहाज से हमने उन्हें कहा कि हम उससे मिलने अस्पताल तक जा सकते हैं लेकिन उसी दिन उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद हमने उसकी नॉमिनी की लिस्ट निकाली है और उसके पैसों को उसके परिवार को सौंप दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.