मुंबई: डॉ अमरापुरकर की मौत पर जनहित याचिका दायर, BMC पर कार्रवाई की मांग
फेडरेशन ऑफ रीटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन मुंबई के द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया कि बीएमसी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि ऐसी घटना दोहरायी ना जा सके।
मुंबई (जेएनएन)। मुंबई उच्च न्यायालय में बीएमसी के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि बीएमसी की लापरवाही के कारण ही डॉ अमरापुरकर की मौत मैनहोल में गिरने से हुई। याचिका में कहा गया कि बीएमसी को पता था कि शहर की सड़कों पर पानी भरा हुआ है। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को भारी बारिश के बाद गायब हो गए डॉ दीपक अमरापुरकर के शव को सेंट्रल मुंबई के वर्ली में एक नाले से बरामद किया गया। अमरापुरकर बॉम्बे अस्पताल में गैस्ट्रोइटेरोलॉजिस्ट थे।
फेडरेशन ऑफ रीटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन मुंबई के द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया कि बीएमसी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि ऐसी घटना दोहरायी ना जा सके। साथ ही अमरापुरकर की मौत को अदालत के संज्ञान में लाने की अपील की गई।" अधिवक्ता आशीष मेहता द्वारा दायर की गई इस याचिका में कहा गया कि मैनहोल खुला होने और किसी भी प्रकार के बैरीकेड ना लगे होने के कारण ये दुर्घटना हुई। साथ ही वहां किसी प्रकार का चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगा था जो जनता के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है और यही डॉ अमरापुरकर की मौत का भी कारण बना।"
न्यायालय से आग्रह किया गया है कि पुलिस, आईपीसी की धारा 304-ए के तहत बीएमसी के खिलाफ आरोपपत्र तैयार करें। साथ ही मुख्यमंत्री से लापरवाही के लिए जिम्मेदार बीएमसी अधिकारियों की पहचान करने का भी आग्रह किया गया है। इसके अलावा शहर के सभी मैनहोल की जांच करने और ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नीति बनाने का अनुरोध किया गया। बता दें कि, शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेलूर की अगुवाई वाली पीठ इस याचिका पर चर्चा करेंगे।
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