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IPS परमबीर सिंह के दोनों घरों के बाहर चस्पा किया गया 'फरार' घोषित करने वाला नोटिस

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और आइपीएस परमबीर सिंह को फरार घोषित करने वाला मुंबई कोर्ट का नोट‍िस मंगलवार को जुहू स्थित उनके फ्लैट के बाहर चिपका दिया गया है। नोट‍िस में कहा गया कि जबरन वसूली और आपराधिक साजिश से संबंधित अदालत के समक्ष एक शिकायत की गई है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 05:31 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 08:26 PM (IST)
IPS परमबीर सिंह के दोनों घरों के बाहर चस्पा किया गया 'फरार' घोषित करने वाला नोटिस
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और आइपीएस परमबीर सिंह

राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के दो घरों के बाहर मुंबई पुलिस भगोड़ा घोषित होने के 30 दिन के अंदर हाजिर होने का नोटिस चस्पा कर दिया है। यह नोटिस वसूली के एक मामले में चस्पा किया गया है। नोटिस में दी गई अवधि के अंदर पुलिस के सामने हाजिर न होने पर उनकी संपत्तियां कुर्क की जा सकती हैं। परमबीर सिंह को एक दिन पहले ही सर्वोच्च न्यायालय से कुछ राहत मिली थी।

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सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी गुहार

सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अनिल देशमुख मामले में सीबीआई को सहयोग करने के निर्देश दिए थे। लेकिन सोमवार को ही वसूली के एक मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच परमबीर के विले पार्ले एवं मलाबार हिल्स स्थित दो आवासों पर उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया नोटिस लेकर पहुंच गई। दोनों घरों पर किसी के उपस्थित न होने पर नोटिसें दरवाजे पर चिपकाकर पुलिस लौट गई। यह नोटिस गोरेगांव पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज किए गए एक मामले में चिपकाई गई है। इस मामले में 17 नवंबर को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मैजिस्ट्रेट एस.बी.भाजीपाले ने परमबीर सहित दो अन्य आरोपितों को भगोड़ा घोषित करते हुए उन्हें पुलिस के सामने 30 दिन के अंदर हाजिर होने का नोटिस दिया था। इस अवधि के अंदर हाजिर न होने पर उनकी संपत्ति कुर्क की जा सकती है।

परमबीर सिंह पर दर्ज किए गए छह मामले

बता दें कि परमबीर सिंह द्वारा पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ प्रतिमाह की वसूली का आरोप लगाने के बाद से अब तक उनके विरुद्ध महाराष्ट्र के विभिन्न पुलिस थानों में अब तक छह आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इन्हीं मामलों का संदर्भ देते हुए सोमवार को उनके वकील ने सर्वोच्च न्यायालय में उन्हें मुंबई पुलिस से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। उनके वकील ने कोर्ट में कहा था कि परमबीर सिंह देश से भागे नहीं हैं, बल्कि मुंबई पुलिस के डर से देश में ही छुपे हुए हैं। उन्हें गिरफ्तारी से छूट दी जाए तो वह सीबीआई के सामने हाजिर होकर अनिल देशमुख मामले में अपना बयान दर्ज करवा सकते हैं। बता दें कि देशमुख पर उनके द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद राज्य सरकार ने भी इस मामले की जांच के लिए एक सदस्य न्यायिक आयोग गठित किया था। परमबीर सिंह अब तक इस आयोग के सामने भी हाजिर नहीं हो सके हैं। आयोग उन्हें कई सम्मन देने के बाद दो बार जुर्माना भी लगा चुका है। मुंबई पुलिस उनके विरुद्ध लुकआउट नोटिस भी जारी कर चुकी है।

जिस मामले में परमबीर सिंह के विरुद्ध नोटिस जारी की गई है, वह मामला एक भवननिर्माता की शिकायत पर दर्ज किया गया है। भवन निर्माता बिमल अग्रवाल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि मुंबई पुलिस से बर्खास्त किए जा चुके एपीआई सचिन वाझे ने उससे नौ लाख रुपए की उगाही की थी। उसका आरोप है कि उससे 2.92 लाख रुपए के दो स्मार्ट फोन भी जबरन खरिदवाए गए। इस मामले में सचिन वाझे के अलावा कुछ ही दिन पहले चर्चा में आया रियाज भाटी भी आरोपी है। कुछ दिनों पहले ही राकांपा नेता नवाब मलिक ने रियाज भाटी को माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम का साथी बताते हुए उसकी तस्वीरें भाजपा नेताओं के साथ साझा की थीं। लेकिन इसके कुछ देर बाद ही भाजपा की ओर से भी रियाज भाटी की कई तस्वीरें राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना नेताओं के साथ जारी कर दी गई थीं।


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