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बहुपक्षवाद गंभीर संकट में, संयुक्त राष्ट्र में सुधार का समय : जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि अभी पांच वीटो पॉवर वाले देशों और अन्य देशों के बीच अधिकारों की जो व्यवस्था है वो बनी रहती है तो संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता और प्रासंगिकता और कम होगी जो विश्व समुदाय के हित में नहीं होगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 08:21 AM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 08:21 AM (IST)
बहुपक्षवाद गंभीर संकट में, संयुक्त राष्ट्र में सुधार का समय : जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र में सुधार का समय है।

नई दिल्ली, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि बहुपक्षवाद गंभीर संकट में है और अब संयुक्त राष्ट्र में सुधार का समय आ गया है, जो विश्व समुदाय के हित में है।

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जयशंकर ने कहा कि अभी पांच वीटो पॉवर वाले देशों और अन्य देशों के बीच अधिकारों की जो व्यवस्था है वो बनी रहती है तो संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता और प्रासंगिकता और कम होगी, जो विश्व समुदाय के हित में नहीं होगा। विदेश मंत्री पूर्व नौकरशाह और वित्त आयोग के वर्तमान चेयरमैन एनके सिंह की पुस्तक 'पोट्र्रेट्स ऑफ पॉवर : हाफ ए सेंचुरी ऑफ बीइंग एट ए रिंग साइड' के विमोचन के अवसर पर परिचर्चा में बोल रहे थे।

विदेश मंत्री ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र में सुधार का समय है। भाषणों और प्रतिबद्धताओं से आगे बढ़ने का वक्त है। पिछले 15 सालों से सिर्फ सुधार की बातें हो रही हैं। अगर हम सुधार के प्रति गंभीर हैं तो एक-एक बिंदु पर बातचीत करते हुए आगे बढ़ना होगा।

बता दें कि 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाना, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानवाधिकार व विश्व शांति था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसकी स्थापना इसलिए की गई थी कि आगे फिर कभी विश्वयुद्ध की नौबत न आए। इसके सदस्य देशों की संख्या 193 है।


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