पार्टी सिंबल पर रार, शिवपाल संग चुनाव आयोग से मिले मुलायम सिंह
समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई में अब निगाहें चुनाव आयोग पर टिकी हुई हैं। सिंबल के मुद्दे पर अखिलेश गुट पहले ही अपनी दलील पेश कर चुका है।
नई दिल्ली(एएनआई)। देश के सबसे बड़े सूबे की सबसे बड़ी पार्टी समाजवादी पार्टी की लड़ाई का केंद्र अब बदल चुका है। लखनऊ में दोनों धड़ों के शक्ति प्रदर्शन के बाद अब चुनाव आयोग पर नजरें टिक गई हैं। पार्टी सिंबल के मुद्दे पर अखिलेश धड़ा पहले ही भारी भरकम दस्तावेज चुनाव आयोग के सामने पेश कर चुका है, वहीं मुलायम सिंह यादव शिवपाल सिंह और अमर सिंह के साथ चुनाव आयोग से मिले और अपने समर्थन में दलील पेश की।
मुलायम ने कहा कि पार्टी में सिर्फ एक ही शख्स साजिश रच रहा है और बेटे अखिलेश से उनका कोई विवाद नहीं है। माना जा रहा है कि उनका इशारा रामगोपाल यादव की तरफ था। उन्होंने कहा कि चुनाव चिह्न का फैसला चुनाव आयोग करेगा और जो भी चिह्न उन्हें आवंटित किया जाएगा वो उसी पर चुनाव लड़ेगे।
बता दें, चुनाव आयोग जाने से ठीक पहले दिल्ली में मुलायम सिंह और शिवपाल यादव के बीच मंथन हुआ।
नरेश अग्रवाल के बोल
सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने अमर सिंह पर जमकर साधा निशाना। उन्होंने कहा कि जिस शख्स को पार्टी और परिवार तोड़ने में दक्षता हासिल हो उनके बारे में वो क्या कह सकते हैं। अमर सिंह को जेड कैटेगरी सुरक्षा मिलने पर नरेश अग्रवाल ने रविवार को कहा था कि अब ये साफ हो चुका है कि वो भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं। भाजपा ने उनके काम का इनाम भी दे दिया है।
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रामगोपाल ने क्या कहा ?
रविवार को रामगोपाल यादव ने कहा कि अमर सिंह के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि चुनाव आयोग को पेश किया गया हलफनामा जाली है। उन्होंने कहा कि अगर उनके आरोपों में रत्ती भर सच्चाई होगी तो वो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। रामगोपाल ने कहा कि हकीकत ये है कि अखिलेश को किसी चुनाव चिन्ह की जरूरत नहीं है बल्कि वो खुद अपने आप में एक चेहरा हैं।
अमर सिंह ने क्या कहा?
अमर सिंह ने रविवार को कहा था कि उन्हें और शिवपाल यादव को निशाना बनाया जा रहा है, वो पूरी तरह गलत है। मुलायम सिंह को लेकर वो हमेशा वफादार रहे हैं और आगे भी रहेंगे। अखिलेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था कि न खाता न बही, जो अखिलेश कहें वही सही।
मुलायम सिंह ने क्या कहा ?
मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि वो अभी भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने रामगोपाल यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि जिस शख्स को पार्टी ने पहले ही निकाल दिया था, वो किस हैसियत से अधिवेशन बुला सकता था। लखनऊ में रामगोपाल और अखिलेश का अधिवेशन पूरी तरह असंवैधानिक था।