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मुलायम ने कहा, वह अभी भी हैं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष; अखिलेश सिर्फ यूपी सीएम

मुलायम सिंह ने एक बार‍ फिर से प्रेस के सामने आकर खुद को पार्टी का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष होने का एलान किया है। उन्‍होंने इस दौरान अखिलेश के अधिवेशन को भी फर्जी करार दिया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 08 Jan 2017 06:04 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jan 2017 08:01 PM (IST)
मुलायम ने कहा, वह अभी भी हैं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष; अखिलेश सिर्फ यूपी सीएम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बेटे अखिलेश यादव से किसी तरह की समझौते की अटकलों को खारिज करते हुए मुलायम सिंह यादव ने साफ कर दिया है कि वे ही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। यहां तक कि उन्होंने रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए पार्टी अधिवेशन को फर्जी करार दिया, जिसमें अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। सोमवार को मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग में सपा और उसके चुनाव चिह्न साइकिल पर दावे के लिए दस्तावेज जमा करा सकते हैं।

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दरअसल लखनऊ से दिल्ली पहुंचे मुलायम सिंह यादव ने शुरू में कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत में बेटे अखिलेश यादव के प्रति नरमी के संकेत दिये। सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश यादव उनके बेटे हैं और वे क्या कर सकते हैं। कार्यकर्ताओं के सामने उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अधिकांश पार्टी अखिलेश यादव के साथ जा चुकी है और उनके साथ केवल 15-20 विधायक ही बचे हैं। लेकिन अमर सिंह और शिवपाल यादव के साथ लगभग तीन घंटे तक चली बैठक के बाद मुलायम सिंह यादव के तेवर बिलकुल बदले हुए थे।

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अपने आवास पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उन्होंने 30 दिसंबर को ही रामगोपाल यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया था और निष्कासित व्यक्ति को पार्टी का अधिवेशन बुलाने का अधिकार नहीं होता है। इसीलिए एक जनवरी को लखनऊ में हुआ पार्टी का अधिवेशन फर्जी था। इसी अधिवेशन में मुलायम सिंह यादव की जगह अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। साथ ही शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।

लेकिन मुलायम सिंह यादव ने साफ कर दिया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अब भी वे ही हैं। अखिलेश यादव केवल उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष हैं। संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमर सिंह भी मुलायम सिंह यादव के साथ मौजूद थे।

पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न पर दावे के लिए चुनाव आयोग में दस्तावेज पेश करने के ठीक पहले मुलायम सिंह यादव के रूख ने सपा के भीतर समझौते की गुंजाइश को खत्म कर दिया है। रामगोपाल यादव पहले ही चुनाव आयोग को अपने पक्ष में दस्तावेजी सबूत दे चुके हैं। जबकि मुलायम सिंह यादव गुट के लिए सोमवार को दस्तावेज जमा करने की अंतिम तारीख है।

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