आम जनता पर बरसी 'ममता '
ममता की जिद से भले ही सरकार को कितनी भी परेशानी हुई हो लेकिन आम जनता को उससे काफी राहत मिली है। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के खास रेलमंत्री मुकुल रॉय ने आखिरकार दिनेश त्रिवेदी के रेल बजट पर कैंची चला ही दी। इस कैंची से देश की आम जनता और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत तो मिलेगी, लेकिन रेलवे सुरक्षित रहेगी, कहना मुश्किल है। मुकुल ने साधारण, स्लीपर, थर्ड एसी और चेयरकार के किराए में त्रिवेदी द्वारा की गई बढ़ोतरी पूरी वापस ले ली है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ममता की जिद से भले ही सरकार को कितनी भी परेशानी हुई हो लेकिन आम जनता को उससे काफी राहत मिली है। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के खास रेलमंत्री मुकुल रॉय ने आखिरकार दिनेश त्रिवेदी के रेल बजट पर कैंची चला ही दी। इस कैंची से देश की आम जनता और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत तो मिलेगी, लेकिन रेलवे सुरक्षित रहेगी, कहना मुश्किल है। मुकुल ने साधारण, स्लीपर, थर्ड एसी और चेयरकार के किराए में त्रिवेदी द्वारा की गई बढ़ोतरी पूरी वापस ले ली है। इसके अलावा संरक्षा और आधुनिकीकरण के लिए रेलवे बोर्ड के विस्तार करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जबकि रेलवे संरक्षा प्राधिकरण गठित करने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इसके साथ ही रेलवे बजट संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया।
पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में रेल बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुकुल रॉय ने जनरल श्रेणी उपनगरीय और द्वितीय श्रेणी गैर उपनगरीय किरायों में 2 पैसे, द्वितीय श्रेणी मेल/एक्सप्रेस किरायों में 3 पैसे, स्लीपर में 5 पैसे और वातानुकूलित चेयरकार तथा थर्ड एसी के किरायों में प्रस्तावित 10-10 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि के वापस लेने का एलान किया। उन्होंने सेकेंड एसी के किराए में 15 पैसे प्रति किलोमीटर तथा फर्स्ट एसी के किरायों में 30 पैसे प्रति किलोमीटर की प्रस्तावित वृद्धि के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की है और इन्हें ज्यों का त्यों रखा है।
दोनों सदनों में दो दिन से ज्यादा चली बहस का मुकुल रॉय ने बारी-बारी से जवाब दिया। लोकसभा में मुकुल ने कहा कि 'इन श्रेणियों में किराया न बढ़ने देने के पीछे मेरी मंशा पहले से अत्यधिक बोझ से दबे आम आदमी को राहत देने की है। वैसे भी कई सदस्यों ने वृद्धि को लेकर नाराजगी जताई थी।' सेकेंड एसी और फर्स्ट एसी में वृद्धि पर चुप्पी साधते हुए उन्होंने कहा 'आम आदमी की चिंताओं को सबसे ऊपर रखना होगा, भले ही इसके लिए कितना भी जोखिम क्यों न उठाना पड़े। आम आदमी पर किराया वृद्धि का असर बहुत ज्यादा है। रॉय ने सदस्य-संरक्षा और सदस्य-पीपीपी के रूप में दो सदस्यों की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को यह कहते हुए रद कर दिया कि इसकी कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने रेलवे संरक्षा आयोग के ऊपर संरक्षा प्राधिकरण गठित करने की त्रिवेदी की घोषणा को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया।
रॉय के 20 मिनट के भाषण के बाद सदन ने रेलवे लेखानुदान तथा संबंधित विनियोग विधेयकों के अलावा रेलवे अभिसमय कमेटी की रिपोर्ट को भी ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यसभा में रेलमंत्री का जवाब देर शाम हुआ और वहां भी लगभग यह प्रक्रिया दोहराई गई।
मुकुल रॉय ने कहा कि धन की कमी को पूरा करने के लिए रेलवे गैर परंपरागत संसाधनों से धन जुटाने के लिए जोरदार अभियान चलाएगा। मसलन सार्वजनिक-निजी भागीदारी [पीपीपी] परियोजनाओं में तेजी लाई जाएगी। विज्ञापन आय का अच्छा साधन है। लेकिन इसका पूरा दोहन नहीं किया जा रहा है। इसी तरह खाली जमीन तथा स्टेशनों के ऊपर एयरस्पेस के इस्तेमाल को लेकर लक्ष्योन्मुख नजरिया अपनाने की जरूरत है। रेलवे संरक्षा को लेकर लगभग प्रत्येक सदस्य की ओर से व्यक्त की गई आशंकाओं पर उन्होंने कहा मानव रहित क्रासिंगों पर दुर्घटनाएं रोकने के लिए इन सभी क्रासिंगों को खत्म किया जाएगा और इस संबंध में रेल बजट की प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जाएगा। ओवरब्रिज बनाने, सिग्नल प्रणाली में सुधार करने तथा रोलिंग स्टॉक तथा स्टेशनों को बढ़ाने और सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए जाएंगे। रेलमंत्री ने कहा सदस्यों ने स्टेशनों तथा ट्रेनों में साफ-सफाई व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर