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मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा- कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल पर निर्भर करेगी अगले साल हज यात्रा

लोगों के मन में हज यात्रा को लेकर भी सवाल है कि क्या अगले साल हज यात्रा हो पाएगी ? भारत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि अगले साल 2021 में हज यात्रा कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल पर निर्भर करेगी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 02:57 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 03:06 PM (IST)
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा- कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल पर निर्भर करेगी अगले साल हज यात्रा
देश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी।

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी के दौर में कई तरह की समस्याओं का लोगों को सामना करना पड़ा है। इसमें लोगों के रोजाना धार्मिक अभ्यासों में भी काफी परिवर्तन किया है। दुनियाभर में अब धीरे-धीरे धार्मिक स्थलों को खोला जा रहा है। ऐसे में लोगों के मन में हज यात्रा को लेकर भी सवाल है कि क्या अगले साल हज यात्रा हो पाएगी ? इस सवाल का जवाब दिया है देश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि अगले साल 2021 में हज यात्रा कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल पर निर्भर करेगी।

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नकवी ने यहां एक हज समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अगले साल हज यात्रा जून-जुलाई के लिए निर्धारित है और हज कमेटी ऑफ इंडिया के साथ-साथ अन्य भारतीय एजेंसियां ​​औपचारिक रूप से आवेदन प्रक्रिया और अन्य संबंधित तैयारियों की घोषणा करेंगी जब कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हज 2021 के बारे में अंतिम निर्णय उचित समय पर लिया जाएगा ताकि लोगों के स्वास्थ्य और भलाई को सुनिश्चित करने के लिए कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सऊदी अरब और भारत की सरकारों द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जा सके।

नकवी ने कहा कि पूरी हज प्रक्रिया दिशा-निर्देशों के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण बदलाव का गवाह बन सकती है, जिसमें भारत और सऊदी अरब दोनों में आवास, परिवहन, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि महामारी के मद्देनजर तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य और कल्याण सरकार के लिए अत्यंत प्राथमिकता है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भारतीय एजेंसियां ​​इस संबंध में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने साथ ही कहा कि हज समिति ने तीर्थयात्रियों के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि भारत में हज प्रक्रिया के 100 फीसदी डिजिटलीकरण होने की वजह से कोरोना के कारण हज 2020 के रद होने के बाद 1,23,000 लोगों को 2,100 करोड़ रुपये बिना किसी कटौती के प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से वापस कर दिए गए हैं।


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