इंदिरा गांधी ने भी भेजी थी जयगढ़ किले में सेना
जिस तरह से उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में सोने की खोज में खुदाई करवाई जा रही है, वैसे ही वर्ष 1
नई दिल्ली। जिस तरह से उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में सोने की खोज में खुदाई करवाई जा रही है, वैसे ही वर्ष 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जयपुर राजघराने से जुड़े जयगढ़ के किले में खजाने की खोज में सेना तक भेज दी थी। इसमें सबसे मजेदार बात यह रही थी कि जब खजाने की भनक पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फीकारअली भुट्टो के कानों में पहुंची तो उन्होंने भी इस पर मालीकाना हक जमा दिया। उनका तर्क था कि देश के विभाजन के समय यह खजाना सामने नहीं आया था, लिहाजा इसमें पाक को भी हिस्सा दिया जाए।
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1976 में लगाई गए आपातकाल के दौरान महारानी गायत्री देवी को गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रधानमंत्री को शक था कि उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा कहीं छिपाकर रखा है। इसके चलते ही किले में खजाने की तलाश में सेना भेजी गई। भारत पाक संबंधों 1947-2007 पर लिखी गई किताब में इस वाकये का जिक्र किया गया है।
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पाकिस्तान द्वारा खजाने पर हक जमाने की बात के बाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस बाबत विशेषज्ञों से कानूनी राय ली थी, जिसकी सूचना भुट्टो को भी दी गई। इसमें कहा गया था कि इस खजाने पर पाकिस्तान का कोई हक नहीं बनता है। लेकिन तीन माह तक चली तलाश के बाद भी सेना को वहां से कुछ हाथ नहीं लगा। लिहाजा सेना को खाली हाथ वहां से वापस आना पड़ा।
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