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MP School Opening: मध्य प्रदेश में एक जुलाई से स्कूल खोलने की तैयारी, जानें क्या होगा फार्मूला

प्रदेश में पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए यह स्थिति ठीक नहीं है इसलिए स्कूल खोलना जरूरी हो गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 08:08 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 08:08 PM (IST)
MP School Opening: मध्य प्रदेश में एक जुलाई से स्कूल खोलने की तैयारी, जानें क्या होगा फार्मूला
मध्य प्रदेश में एक जुलाई से पहली कक्षा से हायर सेकंडरी तक स्कूल खोलने की तैयारी

मनोज तिवारी, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक जुलाई से पहली कक्षा से हायर सेकंडरी तक स्कूल खोलने की तैयारी चल रही है। इसके लिए कोरोना कर्फ्यू का फार्मूला अपनाया जा सकता है। यानी जिस जिले, शहर या गांव में कोरोना संक्रमण होगा वहां स्कूल बंद रहें और बाकी जगह खोले जाएं। ऐसे ही शहर के जिस इलाके में संक्रमण होगा, वहां के स्कूल बंद रहें। यह भी तय होगा कि किस उम्र के बच्चों को कितने समय के लिए स्कूल बुलाया जाए। हालांकि आपदा प्रबंधन समितियों के सुझाव से ही ऐसा हो पाएगा। साथ ही, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि केजी से हायर सेकंडरी तक प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में डेढ़ करोड़ छात्र पढ़ते हैं।

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जहां संक्रमण ज्यादा, वहां बंद रखे जाएंगे, बाकी जगह खोले जा सकेंगे

प्रदेश में पिछले डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए यह स्थिति ठीक नहीं है इसलिए स्कूल खोलना जरूरी हो गया है, पर उनकी सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जाना है। कक्षाओं में सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाए रखना बड़ी चुनौती है। सरकार को एक जुलाई से स्कूल खोलना है तो अगले आठ दिन में निर्णय लेना होगा। इसे देखते हुए विभाग स्तर पर ताबड़तोड़ तैयारी चल रही है। शिक्षा क्षेत्र के जानकारों से लगातार बात की जा रही है।

यह हो सकता है फार्मूला -

1. नौवीं से हायर सेकंडरी : कक्षा के किसी सेक्शन में 40 छात्र हैं, तो 20 बच्चे एक दिन स्कूल आएंगे और शेष 20 अगले दिन।

2. छठवीं से आठवीं : बच्चों को हफ्ते में एक या दो दिन बुलाया जा सकता है। वह भी सीमित संख्या में। स्कूल की क्षमता का भी ध्यान रखा जाएगा।

3. पहली से पांचवीं : फिलहाल आनलाइन ही पढ़ाया जा सकता है।

4. केजी और नर्सरी : बच्चों को फिलहाल नहीं बुलाया जाएगा।

समितियों का सुझाव महत्वपूर्ण

स्कूल खोलने का निर्णय लेने में भी सरकार जनभागीदारी को ही महत्व देगी। सरकार जिला, विकास खंड और ग्राम स्तर पर गठित आपदा प्रबंधन समितियों से सलाह लेगी। इसके अलावा बाल विशेषज्ञ ([इस क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाएं, बाल रोग विशेषज्ञ और शिक्षाविद्)] की सलाह ली जाएगी।

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदरसिंह परमार ने कहा कि एक जुलाई से स्कूल खोलने की कोशिश है, पर बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर सकते इसलिए सशक्त फार्मूला बना रहे हैं। कोशिश है कि पहली से आठवीं के बच्चों को हफ्ते में एक या दो दिन ही बुलाएं और नौवीं से 12वीं के बच्चों को नियमित न बुलाएं।


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