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पाकिस्तानी मूल का निकला नकली गुटखा बनाने वाला गुरनोमल, जानें कैसे करता है तस्‍करी

डीआरआइ ने शनिवार को नकली गुटखा-पान मसाला की बड़ी खेप के साथ सियागंज के व्यापारी गुरनोमल माटा उसके दो बेटों और उनके साथ काम करने वाले व्यक्ति राज कुंडल को पकड़ा था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 01:58 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 01:58 AM (IST)
पाकिस्तानी मूल का निकला नकली गुटखा बनाने वाला गुरनोमल, जानें कैसे करता है तस्‍करी
पाकिस्तानी मूल का निकला नकली गुटखा बनाने वाला गुरनोमल, जानें कैसे करता है तस्‍करी

इंदौर, राज्‍य ब्‍यूरो। इंदौर में रहकर नकली गुटखा बनाने और उसकी अन्य राज्यों में तस्करी करने वाला व्यक्ति पाकिस्तान मूल का है। रविवार को भी जांच और कार्रवाई जारी रही। इंदौर के पालदा, सुखलिया और छावनी अनाज मंडी क्षेत्र के नजदीक भी गुटखा तस्करों के गोदाम मिले हैं। देर शाम तक छावनी स्थित गोदाम में अधिकारी जांच करते रहे। इस दौरान गुटखा पैकिंग मशीनें भी बरामद की गईं। 

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1990 के बाद भारत आ गया, नहीं मिली भारत की नागरिकता 

मालूम हो कि शनिवार को डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ) ने नकली गुटखा-पान मसाला की बड़ी खेप के साथ सियागंज के व्यापारी गुरनोमल माटा, उसके दो बेटों और उनके साथ काम करने वाले व्यक्ति राज कुंडल को पकड़ा था। इनके ठिकानों से बोरों में भरकर रखी गई नकदी भी बरामद की थी। जानकारी के मुताबिक, 1990 के बाद गुरनोमल पाकिस्तान छोड़कर भारत आ गया था। उसके बाद से ही वह इस गोरखधंधे में जुट गया था। गुरनोमल को अब तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है। 

गुटखे के साथ ही सिगरेट की तस्करी से भी माटा बंधुओं के तार जुड़े 

सूत्रों ने बताया कि विभाग की टीमों को कुछ और रिश्तेदारों के माटा के कामकाज में शामिल होने का शक है। डीआरआइ उनकी तलाश कर रही है। गुटखे के साथ ही सिगरेट की तस्करी से भी माटा बंधुओं के तार जुड़ रहे हैं। शहर के एक बड़े सिगरेट कारोबारी के लिए काम करते हुए इंडोनेशिया से आने वाली और नकली सिगरेट महाराष्ट्र भेजने का काम भी माटा बंधु कर रहे थे। सालभर पहले धुलिया में एक करोड़ रपये कीमत की सिगरेट की खेप पकड़ी गई थी। उसमें भी इस मामले में पकड़े गए संजय माटा का नाम आया था।

टैक्स, ड्यूटी चोरी और पेनल्टी का आंकड़ा सौ करोड़ तक पहुंचने के आसार

सूत्रों ने बताया कि सियागंज के बड़े सिगरेट व्यापारी की मध्यस्ता के चलते संजय प्रकरण से बाहर हो गया था। डीआरआइ सिगरेट तस्करी के सूत्र भी तलाशने में लगी है। इस बीच जांच में मदद के लिए बाहर के अधिकारियों की टीम भी इंदौर पहुंच गई है। पूरे प्रकरण में टैक्स, ड्यूटी चोरी और पेनल्टी का आंकड़ा सौ करोड़ तक पहुंचने के आसार हैं। डीआरआइ के अधिकारियों ने जांच जारी रहने का हवाला देते हुए मामले में अभी कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया है।


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