धर्मांतरण के लिए दिया रुपयों का लालच, मौत का डर दिखा दबाव बनाने वाले किए गए गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के बालाघाट के लालबर्रा थाना क्षेत्र के बघोली गांव में रुपयों का लालच देकर और मौत का डर बताकर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यहां पर लोगों को धर्मांतरण के उद्देश्य से एकत्र किया गया था।
बालाघाट, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश में धर्मांतरण के विरोध में नए कानून के बावजूद गरीब लोगों को लुभाने की कोशिशें कर नहीं हो रही हैं। मध्य प्रदेश के बालाघाट के लालबर्रा थाना क्षेत्र के बघोली गांव में रुपयों का लालच देकर और मौत का डर बताकर धर्मांतरण के लिए दबाव बनाने वाले तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यहां पर लोगों को धर्मांतरण के उद्देश्य से एकत्र किया गया था। धर्मांतरण करवाने के लिए बालाघाट के साथ गुजरात से भी लोग आए थे। पुलिस ने हाल ही में लागू धार्मिक स्वतत्रंता अधिनियम-2020 के कड़े प्रविधानों के तहत कार्रवाई की है। गुरुवार को कोर्ट ने तीनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
मध्य प्रदेश के बालाघाट के लालबर्रा थाना क्षेत्र में करवाया जा रहा था धर्मांतरण
पुलिस के मुताबिक, बघोली गांव में शासकीय शिक्षक छत्तर सिंह कटरे के घर पर उदल नाथ स्वामी निवासी गुजरात और जिले के लांजी निवासी महेंद्र नागदेवे पहुंचे थे। ये लोग ईसाई मत को मानते हैं। इन्होंने एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया। यहां पर नेवरगांव, मानुपर, हिर्री, मानेगांव सहित कई अन्य गांवों के लोगों को बुलाया गया था।
आरोपित यहां अपने आराध्य की फोटो रखकर पूजा कर रहे थे। साथ ही यहां आए लोगों को अपना धर्म बदलने के लिए बरगला रहे थे। धर्मांतरण के लिए आरोपितों ने लोगों को दस हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद का लालच भी दिया और ऐसा नहीं करने पर परिवार के एक सदस्य की मौत का डर भी दिखाया।
लालबर्रा थाना प्रभारी रघुनाथ खातरकर ने बताया कि बघोली में एक घर पर धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर धर्मांतरण के लिए लोगों को गुमराह करने की शिकायत दिलीप पटले ने की थी। शिकायत पर छत्तर सिंह कटरे, उदलनाथ स्वामी व महेंद्र नागेदेवे के खिलाफ मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम- 2020 के प्रविधानों के तहत जबरन और लालच देकर धर्मांतरण की कोशिश का केस दर्ज किया गया।