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Covid Deaths: यहां बढ़ सकता है कोरोना से मौत का आंकड़ा, डेथ आडिट के इंतजार में अटकी हैं इन सबकी फाइलें

ग्वालियर जिले में कोरोना की दूसरी लहर में मरने वाले करीब तीन सौ लोगों की मौत का सच फाइलों में दबा है। इनके स्वजन को अब तक यह पता नहीं चल सका कि आखिर उनके मरीज की मौत का कारण कोरोना था या फिर कुछ और।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 11:58 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 11:58 PM (IST)
Covid Deaths: यहां बढ़ सकता है कोरोना से मौत का आंकड़ा, डेथ आडिट के इंतजार में अटकी हैं इन सबकी फाइलें
मृतकों की फाइल के ऑडिट में विलंब हो रहा है

ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में कोरोना की दूसरी लहर में मरने वाले करीब तीन सौ लोगों की मौत का सच फाइलों में दबा है। इनके स्वजन को अब तक यह पता नहीं चल सका कि आखिर उनके मरीज की मौत का कारण कोरोना था या फिर कुछ और। इन फाइलों में दबा मौत का सच सरकारी आंकड़ों में तेजी लाएगा। शायद यही कारण है कि मृतकों की फाइल के ऑडिट में विलंब हो रहा है। यदि कागजों में दबी मौत का सच सामने आया तो बिहार की तरह ग्वालियर में भी कोरोना से मरने वालों की संख्या अचानक से बढ़ेगी।

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फाइलों में बंद है 300 से अधिक लोगों की मौत का सच

जेएएच में 143 और स्वास्थ्य विभाग में निजी अस्पतालों में मरने वालों की करीब 150 फाइलें अभी आडिट के इंतजार में हैं। आडिट से पता चलेगा कि मौत कोरोना से हुई या नहीं। प्रशासन भले ही इन मौत को फाइलों में बंद रखकर धीरे-धीरे निकाले, पर यह कहना गलत नहीं होगा कि दूसरी लहर में कोरोना से मौत के आंकड़े बढ़े तो ऑक्सीजन की कमी से भी मरने वालों की संख्या में इजाफा होगा। शनिवार को ग्वालियर में संक्रमित और मौत का आंकड़ा शून्य रहा।

सीएमएचओ मनीष शर्मा ने कहा कि कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है, क्योंकि निजी व सरकारी अस्पताल में जिन लोगों की कोरोना से मौत हुई है, उन सभी का डेथ आडिट फिलहाल काम की अधिकता के चलते नहीं हो सका है। जल्द ही आडिट होने पर सरकारी बुलेटिन में मौत के आंकड़े शामिल कर लिए जाएंगे।

जीआर मेडिकल कॉलेज के प्रवक्ता डा. अमित निरंजन ने कहा कि वर्तमान में कार्य की अधिकता के चलते कुछ फाइलों का डेथ आडिट नहीं हो सका है। अब काम शुरू कर दिया है, जल्द ही सभी मौत का आडिट कर डाटा स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

बिहार में कोरोना से मौत का आंकड़ा बदला, एक दिन में 73 फीसद की वृद्धि

देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा बीते नौ जून को अचानक छह हजार के पार पहुंच गया। वैश्विक महामारी के कहर की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में संक्रमण से मौत के ये सर्वाधिक मामले हैं। इसका प्रमुख कारण बिहार में कोरोना के कारण मौत के आंकड़े में करीब 73 फीसद का बड़ा बदलाव होना रहा।

सरकारी आंकड़े के मुताबिक, सात जून 2021 तक बिहार में कोरोना से 5,424 लोगों की मौत हुई थी (मार्च 2020 से मार्च 2021 की 1,600 मौत शामिल) लेकिन अस्पताल और जिला स्तर पर सत्यापन में पता चला कि कोरोना से प्रदेश में अब तक 5,424 नहीं बल्कि 9,375 लोगों की मौत हुई। यानी बिहार सरकार के पास 3,941 लोगों की कोरोना से मौत का आंकड़ा ही नहीं था। इस संबंध में पटना हाई कोर्ट के दखल के बाद बनाई गई दो कमेटियों की रिपोर्ट में मौत का नया आंकड़ा सामने आया है।

उत्तराखंड में भी आंकड़े में लापरवाही

उत्तराखंड में भी कोरोना का मौत के आंकड़े में लापरवाही सामने आई है। अप्रैल-मई 2021 में सरकारी व निजी अस्पतालों ने पूरा आंकड़ा राज्य कोरोना कंट्रोलरूम को उपलब्ध नहीं कराया। 17 मई से 10 जून तक राज्य में 798 ऐसी मौत दर्ज कराई गई हैं, जो पहले रिकार्ड में नहीं थीं। अब तक राज्य में कोरोना से कुल 6,878 मौत दर्ज हैं। अस्पतालों ने स्टाफ की कमी और पोर्टल की जटिलता को मौत का रिकार्ड मेनटेन न कर पाने का कारण बताया। फिलहाल किसी अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।


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