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एक विवाह ऐसा भी, सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में पहली कचरा मुक्त शादी, जानें इस अनूठी शादी के बारे में

शहर में एक विवाह जीरो वेस्ट (कचरा मुक्त) थीम पर हुआ। शादी के कार्ड रद्दी में तब्दील न हों इसलिए कागज के बजाय ई-कार्ड बांटे गए। पूरे विवाह समारोह में ऐसी किसी वस्तु का उपयोग नहीं हुआ जिसे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचाना पड़े।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 10:42 PM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 10:42 PM (IST)
एक विवाह ऐसा भी, सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में पहली कचरा मुक्त शादी, जानें इस अनूठी शादी के बारे में
एक विवाह जीरो वेस्ट (कचरा मुक्त) थीम पर हुआ

 अभिषेक चेंडके, इंदौर। चार बार देश का सबसे स्वच्छ शहर रह चुके इंदौर में स्वच्छता आदत तो है ही, अब यह संस्कारों में भी शामिल हो चली है। शहर में एक विवाह जीरो वेस्ट (कचरा मुक्त) थीम पर हुआ। शादी के कार्ड रद्दी में तब्दील न हों, इसलिए कागज के बजाय ई-कार्ड बांटे गए। पूरे विवाह समारोह में ऐसी किसी वस्तु का उपयोग नहीं हुआ, जिसे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचाना पड़े। दो दिन चले समारोह में केवल 40 किलो गीला कचरा निकला, जिसका निपटान विवाह समारोह स्थल पर ही कर खाद में तब्दील कर दिया गया।

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जीरो वेस्ट थीम पर ब्याह

यह अनूठी शादी पिछले दिनों माचल गांव के एक गार्डन में हुई। इंदौर आइआइटी से मैकेनिकल इंजीनियर रोहित अग्रवाल और इंटीरियर डिजाइनर पूजा गुप्ता ने फैसला किया था कि वे जीरो वेस्ट थीम पर ब्याह रचाएंगे। रोहित एक बार समाजसेवी पद्मश्री जनक पलटा के यहां गए थे। वहां उन्हें 'शादी में कचरा कर न करें शादी का कचरा' विषय पर अपनी बात रखने को कहा गया था। तब से उन्होंने फैसला किया था कि वे जब भी शादी करेंगे, कचरा नहीं फैलाएंगे। इस साल जब उनका रिश्ता पक्का हुआ तो उन्होंने होने वाली पत्नी पूजा के सामने जीरो वेस्ट थीम पर शादी की पेशकश रखी और वे भी तैयार हो गई। 

ऐसा था इंतजाम

शादी में न तो डिस्पोजल सामग्री का इस्तेमाल हुआ, न साज-सज्जा में ऐसी सामग्री लगाई, जिससे कचरा निकले। मेहमानों को भेजे निमंत्रण पत्र से भी कचरा न हो इसलिए ई-कार्ड भेजे गए। भोजन के लिए स्टील और चीनी की प्लेटों का इस्तेमाल हुआ। मेहमानों से भी आग्रह किया गया कि वे झूठा न छोड़ें। खाना बनाने के दौरान निकला सब्जियों आदि का कचरा मौके पर निस्तारित कर दिया गया। पूरी शादी में 40 किलो निष्पादन योग्य कचरा निकला, वह भी कचरा परिवहन वाहन तक नहीं पहुंचा। उसे कचरे से खाद बनाने के लिए विवाह समारोह में ही वेस्ट कन्वर्टर वैन में भेजा गया। यहीं नहीं, रोहित व दो साथियों ने वेस्ट मैनेजमेंट (कचरा प्रबंधन) क्षेत्र को करियर के लिए चुना है और 'स्वाह' नामक स्टार्टअप शुरू किया है, जिसने कई अवॉर्ड भी जीते हैं। 

निकलता है दो हजार किलो कचरा

आमतौर पर शहर में एक होटल से प्रतिदिन 400 से 500 किलो कचरा निकलता है। होटल में विवाह समारोह होने पर कचरे की मात्रा बढ़कर प्रति आयोजन स्थल डेढ़-दो हजार किलो तक पहुंच जाती है। इंदौर शहर में फिलहाल हर दिन 800 से एक हजार टन कचरा निकलता है। इसे प्रोसेस करने के लिए ट्रेंचिंग ग्राउंड सहित अन्य निर्धारित स्थलों पर भेजा जाता है।

कचरे से बनी खाद पहुंचाई थी गुजरात

दो साल पहले बोहरा समाज का आयोजन अशरा मुबारका 1440 का आयोजन हुआ था, जिसकी थीम भी जीरो वेस्ट रखी गई थी। तब प्रतिदिन डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों का भोजन बनता था और 250 टन आर्गेनिक वेस्ट रोज निकलता था। इससे खाद तैयार कर समाज ने गुजरात के किसानों तक पहुंचाई थी। होलकर स्टेडियम में होने वाले कई अंतरराष्ट्रीय मैच भी जीरो वेस्ट थीम पर हो चुके हैं।


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