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हनीट्रैप: SIT गठन के नौ दिन, तीसरा नया प्रमुख नियुक्त, टीम में भी दूसरी बार बदलाव; जानें- पूरा मामला

हनीट्रैप मामले में जांच कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) के नौ दिन पहले किए गठन में फिर बदलाव कर दिया गया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 07:36 AM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 07:41 AM (IST)
हनीट्रैप: SIT गठन के नौ दिन, तीसरा नया प्रमुख नियुक्त, टीम में भी दूसरी बार बदलाव; जानें- पूरा मामला
हनीट्रैप: SIT गठन के नौ दिन, तीसरा नया प्रमुख नियुक्त, टीम में भी दूसरी बार बदलाव; जानें- पूरा मामला

भोपाल, नईदुनिया।  मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप केस में एक बार फिर एसआईटी चीफ को बदल दिया गया है। हनीट्रैप मामले में जांच कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) के नौ दिन पहले किए गठन में फिर बदलाव कर दिया गया। अब तीसरे अधिकारी को एसआईटी का प्रमुख गया है। टीम के अन्य अधिकारियों को भी दूसरी बार बदला गया है। अब राजेंद्र कुमार को एसआईटी प्रमुख बनाया गया है। डीजीपी पर सवाल उठाने वाले साइबर सेल के डीजीपी का भी तबादला कर दिया गया है।

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नई टीम में मिलिंद कंसकर और रुचि वर्धन को सदस्य बनाया गया है। संजीव शमी को हनी ट्रैप मामले की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन उन्हें एसआईटी प्रमुख के पद से हटा दिया गया है।

मंगलवार रात जारी आदेश के मुताबिक, एटीएस और काउंटर इंटेलीजेंस चीफ संजीव शमी को एसआईटी से हटा दिया है। अब एसआईटी की कमान विशेषष पुलिस महानिदेशक सायबर क्राइम राजेंद्र कुमार को सौंपी गई है। उनके साथ एडीजी सायबर क्राइम मिलिंद कानस्कर और एसएसपी इंदौर रचिवर्धन मिश्र टीम में होंगे । राजेंद्र कुमार के पास आवश्यक होने पर अन्य अधिकारियों की मदद लेने के अधिकार होंगे । डीजीपी को एसआईटी को सहयोग देने के आदेश दिए गए हैं। मंगलवार शाम को ही राजेंद्र कुमार को संचालक लोक अभियोजन के स्थान पर विशेषष पुलिस महानिदेशक सायबर क्राइम बनाया गया है।

हनीट्रैप मामले की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने 23 सितंबर को पहली बार एसआईटी का गठन किया था। आईजी सीआईडी श्रीनिवास वर्मा को कमान सौंपी गई थी। इसमें कमाडेंट 25वीं बटालियन मनोज कुमार सिंह भी थे। एसआईटी गठन के दिन से ही मुख्यमंत्री कमलनाथ की नाराजगी साफ दिखाई दे रही थी।

-24 सितंबर को जब वर्मा टीम के साथ इंदौर रवाना हो रहे थे तो उन्हें रोक दिया गया। घटनाक्रम के बाद पुलिस महानिदेशक ने सीआईडी के एडीजी राजीव टंडन, एडीजी एटीएस व काउंटर इंटेलीजेंस संजीव शमी को बुलाकर चर्चा की। शाम को ही शमी के एसआईटी प्रमुख बनाने के आदेश हो गए। मगर उनकी जांच करने की कार्यप्रणाली को लेकर नौकरशाह असंतुष्ट रहे। पुलिस अधिकारी विशेष महानिदेशक सायबर और एसटीएफ पुरषषोत्तम शर्मा आगे आए और उन्होंने आईपीएस एसोसिएशन से सहयोग की मांग की। उन्होंने मीडिया के सामने एसआईटी के सुपरविजन से डीजीपी को हटाने तक की मांग कर दी। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली से लौटने के बाद हनीट्रैप मामले की समीक्षा की और विवाद के चलते पूरे घटनाक्रम से नाराजगी भी जताई थी।

इसलिए बनाया एसआईटी प्रमुख

राजेंद्र कुमार को एसआईटी प्रमुख बनाए जाने के पीछे एक कारण यह बताया जा रहा है कि उन्होंने लोक अभियोजन में जिस तरह अपराधों में आरोपितों को सजा दिलाने में पुराने रिकॉर्ड तोड़े हैं, उनका फायदा हनीट्रैप के आरोपियों को सजा दिलाने में मिल सकेगा। उन्होंने अपने नवाचारों से लोक अभियोजन में काफी अच्छा काम किया था।


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