पैरेंट्स की गलतियों पर स्कूल से निकाला, लड़कियों ने पीएम मोदी, कमलनाथ से लगाई गुहार तो बनी बात
मध्य प्रदेश में एक निजी स्कूल ने दो बच्चियों को स्कूल से इसलिए निकाल दिया क्योंकि उनके अभिभावकों ने शिक्षकों के साथ बदसलूकी की थी। बच्चियों ने पीएम मोदी सीएम से गुहार लगाई तब
धार (मध्य प्रदेश), एएनआइ। मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh government) ने एक निजी स्कूल को निर्देश दिये हैं कि वह उन दो बहनों को दाखिला दे जिन्होंने शिकायत की है कि संस्थान ने उन्हें कथित तौर पर इसलिए बाहर कर दिया है क्योंकि दोनों नेपाली मूल की (hailing from Nepal) हैं। हालांकि, स्कूल का कहना है कि दोनों लड़कियों के अभिभावकों ने संस्थान के शिक्षकों से दुर्व्यवहार किया। स्कूल के मुताबिक, प्रबंधन की ओर से उक्त लड़कियों के अभिभावकों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक के दौरान स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों में कहासुनी हो गई, जिसके बाद दोनों लड़कियों का नाम काट दिया गया था।
स्कूल द्वारा टीसी (transfer certificate) सौंपे जाने के बाद अनुष्का (Anushka, 13) और अन्विशा (Anvisha, 10) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रत्र लिखकर शिकायत की कि उन्हें स्कूल में नेपाली कहकर परेशान किया जाता है। यही नहीं दोनों बच्चियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) को भी पत्र लिखकर कर स्कूल पर उन्हें निष्कासित करने का आरोप लगाया था। बताया जाता है कि पत्र मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। इसके साथ ही स्कूल के प्रिंसिपल को दोनों बच्चियों को दोबारा दाखिला सुनिश्चत करने के दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी ने मंगलेश व्यास ने कहा कि शिक्षा सत्र के ठीक बीच में स्कूल के पास किसी भी बच्चों को निकालने का अधिकार नहीं है। स्कूल ने कहा है कि बच्चियों के अभिभावकों के दुर्व्यवहार के कारण उन्हें निकाला गया। हमने स्कूल को पत्र लिखकर बच्चियों को दोबारा दाखिला देने के निर्देश दिए हैं। अभिभावकों की गलती के लिए बच्चियों को सजा देना गलत है। वहीं स्कूल के प्रधानाचार्य पी. भुवेंद्रम (P Bhuvendram) ने आरोप लगाया कि बच्चियों के अभिभावकों ने मेरे सामने ही शिक्षकों को पीटा। हम बच्चियों को दोबारा दाखिला देने जा रहे हैं।