एटीएम से शातिर तरीके से रुपये निकालकर बैंकों को नुकसान पहुंचा रहे ठग, सीसीटीवी से हुआ खुलासा
पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में ठगों के शातिर तरीके की जानकारी मिली। गिरोह ऐसे एटीएम चुनते हैं जहां गार्ड नहीं होते। साथ ही जहां रुपये जमा करने और निकासी दोनों मशीनें लगी होती हैं। सबसे पहले एक आरोपित खाते में रुपये जमा करता है।
मुकेश मंगल, इंदौर। एटीएम कार्ड क्लोनिंग, फर्जी बैंक अधिकारी बनकर ठगी के तरीके पुराने हो चुके हैं। ठगों ने अब बिजली गुल कर बैंकों को चूना लगाना शुरू कर दिया है। राज्य साइबर सेल ऐसे ही एक गिरोह की जांच में जुटी है, जो अलग-अलग इलाकों के कई एटीएम से शातिर तरीके से रुपये निकालकर बैंकों को नुकसान पहुंचा चुका है। वारदात में हरियाणा के मेवात क्षेत्र के एक गिरोह का हाथ होने का अंदेशा है। पुलिस ने इंदौर के एक एटीएम से आरोपितों के सीसीटीवी फुटेज भी हासिल कर लिए हैं।
भारतीय स्टेट बैंक की शिकायत पर पुलिस ने शुरू की जांच
एसपी (साइबर) जितेंद्र सिंह के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) के अधिकारियों ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि शहर के पलसीकर, तिलक नगर, संयोगितागंज और हीरानगर स्थित एटीएम से कुछ लोगों ने रुपये निकाले और बाद में राशि नहीं आने की शिकायत कर रिफंड भी मांग लिया। बिजली गुल होने से रुपये निकल जाने का रिकार्ड दर्ज नहीं होने से बैंकों ने भी खाते में रिफंड कर दिया, लेकिन बाद में पता चला कि रुपये निकाल लिए गए थे।
पुलिस ने जब इन खातों की जांच शुरू की तो पता चला सभी मेवात (हरियाणा) निवासियों के जनधन योजना के खाते हैं। इन्हें खोलना आसान होता है और ये शून्य बैलेंस वाले होते हैं। आरोपित संगठित तरीके से देशभर की बैंकों को लाखों रुपये की चपत लगा रहे हैं।
यह है अनूठा तरीका
एसपी के अनुसार, पुलिस को मिले सीसीटीवी फुटेज में ठगों के शातिर तरीके की जानकारी मिली। गिरोह ऐसे एटीएम चुनते हैं, जहां गार्ड नहीं होते। साथ ही, जहां रुपये जमा करने और निकासी दोनों मशीनें लगी होती हैं। सबसे पहले एक आरोपित खाते में रुपये जमा करता है। जैसे ही रुपये जमा होने का संदेश पहुंचता है, दूसरा आरोपित पास में लगे एटीएम से जमा की गई राशि निकाल लेता है। रुपये जैसे ही एटीएम की ट्रे में आते हैं, तीसरा आरोपित उसी समय एटीएम की बिजली काट देता है।
साइबर सेल ने तलाशे इनमें उपयोग होने वाले 50 जनधन खाते
फिर आरोपित बैंक के कस्टमर केयर पर फोन कर रुपये नहीं मिलने और खाते से रुपये निकलने का मैसेज आने की शिकायत करते हैं। बैंक का आटोमेटेड सिस्टम होने की वजह से बिजली गुल होने का कारण दर्ज कर खाते में रुपये फिर से जमा हो जाते हैं। इसके बाद ठग उस राशि को भी निकाल लेते हैं। अलग-अलग खातों के माध्यम से इसी तरह राशि जमा कर दो बार निकाल ली जाती है। बैंक जब आखिर में एटीएम का लेनदेन रिकार्ड जांचते हैं तो गड़बड़ी का पता चलता है।
50 खातों से एक ही तरह से निकाली राशि
एसपी के अनुसार, पुलिस ने करीब 50 खातों की जानकारी जुटाई है, जिनका इस्तेमाल ठगी में हो रहा है। जब मेवात क्षेत्र की गिरोह होने की आशंका हुई तो साइबर सेल ने हरियाणा पुलिस से संपर्क साधा। अधिकारियों ने बताया यहां ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं।