Mother Teresa Birth Anniversary: नन से दुनिया के लिए बनीं शांति दूत, पढ़ें उनका पूरा सफर
Mother Teresa Birth Anniversary पूरे जीवन को असहायों और जरूरतमंद लोगों के लिए समर्पित करने वाली मदर टेरेसा की आज 109 वीं जयंती है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Mother Teresa Birth Anniversary, अपने पूरे जीवन को असहायों और जरूरतमंद लोगों के लिए समर्पित करने वाली मदर टेरेसा की आज 109 वीं जयंती है। दिन-रात पीड़ितों और गरीबों की सेवा करने वाली मदर टेरेसा को आज इस मौके पर पूरी दुनिया याद कर रही है। मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को मेसिडोनिया के स्कोप्जे शहर में हुआ था। उनके विचारों ने समाज में शांति और प्रेम बनाए रखने का काम किया।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित
इसी वजह से उन्हें साल 1979 में शांति और सदभावना के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आज उनके जयंती पर कोलकाता में ‘मदर हाउस’ में विशेष प्रार्थना आयोजित की गई। इस प्रार्थना का आयोजन मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सिस्टर्स की ओर से किया गया।
रोमन कैथोलिक नन थीं मदर टेरसा
रोमन कैथोलिक नन मदर टेरसा साल 1929 में भारत आईं और हमेशा के लिए यहीं रह गईं। 1948 में उन्होंने भारतीय नागरिकता ले ली। टेरेसा ने 1950 में कोलकाता का रुख किया। उन्होंने 1950 में कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। उनकी स्थापित की हुई संस्था, मिशनरीज ऑफ चैरिटी दुनिया के 123 देशों में 4500 सिस्टर के जरिए लोगों की सेवा निरंतर जारी रखे हुए है। मदर टेरेसा ने कोलकाता को अपना घर बनाया और 68 साल तक गरीबों और लाचार वर्ग की सेवा कर दुनिया को मानवता की शिक्षा दी। यहां आने से पहले वह ऑटोमन, सर्बिया, बुल्गेरिया और युगोस्लाविया की नागरिक रह चुकी थीं।
1980 में भारत रत्न मिला
1979 में जब टेरेसा नोबेल का शांति पुरस्कार लेकर देश लौटी थीं। इसके अगले साल यानी साल 1980 में उन्हें भारत रत्न मिला। दिन-रात असहायों की सेवा करते-करते मदर टेरेसा की तबीयत दिन-ब-दिन खराब हो रही थी। सेहत लगातार खराब रहने के कारण उन्होंने 1996 में संस्था के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने 5 सितंबर 1997 को मदर टेरेसा ने 87 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
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