एक मां ऐसी भी जिसने पैसों के खातिर बेच दी अपनी नवजात बेटी, मां समेत चारों आरोपी गिरफ्तार
पैसों के लेन-देन के विवाद के चलते मामला खुला और थाने तक पहुंच गया। मासूम को सखी सेंटर के सुपुर्द कर दिया गया।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। पालन-पोषण करने में असमर्थ मां बच्ची को जन्म लेने से तो नहीं रोक पाई, लेकिन बेबसी के चलते उसने उस मासूम को कथित रूप से 50 हजार रुपये में बेच डाला। उसे जिस महिला ने गर्भपात कराने से रोका। उसने ही अपने घर में झाड़ू-पोंछा करने का काम दिया, उसकी डिलेवरी कराई और मासूम का सौदा कर दिया।
आखिरकार पैसों के लेन-देन के विवाद के चलते मामला खुला और थाने तक पहुंच गया। मासूम को सखी सेंटर के सुपुर्द कर दिया गया और महिला दलाल, जीजा-साला और मां को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित मौदहापारा थाना प्रभारी राहुल तिवारी ने बताया कि महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी संजय कुमार निराला (37) ने नवजात बच्ची की खरीद-फरोख्त के संबंध में शनिवार रात को शिकायत की थी।
शिकायत के मुताबिक पलारी के सलोनी निवासी ईश्वरी चेलक पति नामदास सोनेकेवरा (20) दो महीने पहले गर्भपात कराने को आंबेडकर अस्पताल आई थी। जहां से टाटीबंध की ममता गोस्वामी उसे गर्भपात कराने से मना करते हुए अपने घर ले गई। सात मार्च को ममता उसे आंबेडकर अस्पताल ले गई। जहां उसने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। दो दिन बाद वह डिस्चार्ज हो गई।
ईश्वरी चेलक ने ममता को बताया था कि वह काफी गरीब है। पति के साथ उसका विवाद है और बच्ची के पालन-पोषण में असमर्थ है, इसलिए गर्भपात कराना चाह रही है। ममता ने इसका फायदा उठाया। पूर्व परिचित पुरानी बस्ती निवासी रूपा सिंह राठौर से नवजात को बेचने के संबंध में बात की।
शिवानंदनगर, खमतराई निवासी अनाज दलाल संजय गणात्रा (40) के मार्फत 11 साल से नि:संतान सरायपाली, महासमुंद निवासी भूपेश माखीजा (35) को 50 हजार रुपये में बच्ची को बेच दिया। बच्ची की खरीद-फरोख्त में पैसे के बंटवारे को लेकर ममता और रूपा के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला महिला थाने पहुंच गया। इसके बाद पूरा मामला खुला।