कश्मीर में मोस्ट वांटेड आतंकी यत्तु सेना के एनकाउंटर में ढेर
दो अन्य आतंकी पथराव की आड़ में भाग गए। मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी शहीद व एक कैप्टन समेत चार अन्य सुरक्षाकर्मी जख्मी भी हुए।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। शोपियां के अवनीरा में शनिवार शाम से जारी मुठभेड़ रविवार सुबह हिजबुल मुजाहिदीन के ऑपरेशनल चीफ कमांडर यासीन यत्तु उर्फ महमूद गजनवी उर्फ मंसूर उल इस्लाम समेत तीन आतंकियों के मारे जाने के साथ खत्म हो गई। घटनास्थल से हथियारों का जखीरा भी मिला है। 15 लाख के इनामी आतंकी यत्तु की मौत को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। वह मोस्ट वांटेड 12 आतंकियों की सूची में भी शामिल था। घटना के बाद ¨हसक झड़पें शुरू हो गईं। अभियान खत्म कर लौट रहे सुरक्षाबलों पर आतंकियों ने भीड़ की आड़ ले फायरिंग भी की। इससे एक स्थानीय युवक गोली लगने से जख्मी हो गया। आतंकी भीड़ की आड़ में भाग निकले।
शोपियां के अवनीरा गांव में अस्तान मुहल्ला में एक दर्जन से ज्यादा लश्कर व हिज्ब आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर शनिवार को सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया था। घेराबंदी होते ही पथराव की आड़ में कई आतंकी भाग निकले थे, लेकिन पांच आतंकी फंस गए। शाम साढ़े पांच बजे शुरू हुई मुठभेड़ सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक जारी रही। दो आतंकी बीती रात ही मारे गए थे। तीसरा रविवार सुबह मारा गया।
दो अन्य आतंकी पथराव की आड़ में भाग गए। मुठभेड़ में दो सैन्यकर्मी शहीद व एक कैप्टन समेत चार अन्य सुरक्षाकर्मी जख्मी भी हुए। सुरक्षाबलों व आतंकी समर्थकों में हुई ¨हसक झड़पों के पांच पुलिस कर्मियों समेत डेढ़ दर्जन के करीब लोग जख्मी हुए हैं। आइजीपी कश्मीर मुनीर अहमद खान ने कहा कि हिज्ब के ऑपरेशनल चीफ कमांडर यासीन यत्तु के अलावा जिला कमांडर इफान-उल-हक और उमर मजीद मारे गए हैं। अन्य आतंकियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
इरफान ने की थी नेकां नेता हत्या
फरवरी 2016 से सक्रिय इरफान उल हक जिला शोपियां के मलडोरा का रहने वाला था। बी श्रेणी के आतंकियों में शुमार इरफान पर पांच लाख का इनाम था। सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले और फायरिंग की विभिन्न वारदातों में लिप्त इरफान ने अन्य आतंकियों संग 16 अप्रैल को नेशनल कांफ्रेंस नेता व राज्य के पूर्व प्रासिक्यूटिंग अधिकारी एडवोकेट इम्तियाज अहमद खान की हत्या करने के अलावा एमएलए शोपियां मुहम्मद यूसुफ बट और एमएलसी शौकत के अहमद के घर पर भी हमला किया था।
उमर ने लूटा था बैंक
यारीपोरा का रहने वाला उमर मजीद मई 2016 में सक्रिय आतंकी बना था। उसने अपने ही इलाके में सुरक्षाकर्मी से हथियार लूटा और गायब हो गया। एक माह बाद वह आतंकी बन सबके सामने आया। वह नेताओं व पुलिस कर्मियों पर हमले की विभिन्न वारदातों में शामिल था। उमर मजीद ने साथियों संग मिलकर मई 2017 में यारीपोरा में एक बैंक में डाका डाला था। उस पर तीन लाख रुपये का इनाम था।
बांडीपोरा में आतंकी हमला, तीन सुरक्षाकर्मी घायल
उत्तरी कश्मीर के बांडीपोरा में रविवार तड़के आतंकियों के घात लगाकर किए गए हमले में दो पुलिसकर्मी और सेना के एक सिपाही घायल हो गए। हमले के बाद लोगों के सहयोग से बच निकले आतंकियों को पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन आतंकियों का कोई सुराग नहीं मिला। घायल सुरक्षाकर्मियों में दो पुलिसकर्मी कांस्टेबल मुख्तार अहमद व कांस्टेबल मुहम्मद अशरफ के अलावा सेना का सिपाही राजकुमार शामिल हैं। तीनों की हालत फिलहाल खतरे से बाहर है। वहीं शनिवार की शाम डलगेट में हुए पेट्रोल बम हमले में घायल नागरिक ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
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