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चौंकाने वाला खुलासा, 55 फीसद भारतीय नहीं पहचानते इस बीमारी को, क्या आप जानते हैं

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह दावा किया है कि हर चार में से तीन व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने हाइपरटेंशन के शिकार होने के बावजूद कभी अपने बीपी की जांच नहीं करवाई।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 11:50 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 12:06 PM (IST)
चौंकाने वाला खुलासा, 55 फीसद भारतीय नहीं पहचानते इस बीमारी को, क्या आप जानते हैं
चौंकाने वाला खुलासा, 55 फीसद भारतीय नहीं पहचानते इस बीमारी को, क्या आप जानते हैं

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत में हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है, इसके बावजूद भी केवल 45 फीसद लोग ही इसके प्रति जागरूक हैं और इसका इलाज करा रहे हैं। हाल ही में भारत में बड़े स्तर पर हुए हाई बीपी संबंधी एक जनसंख्या आधारित सर्वे में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए पूरे भारत से राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार सर्वे-2015-16 में शामिल 731864 लोगों के डाटा का प्रयोग किया, जिनकी आयु 15 से 49 वर्ष की थी।

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पीएलओएस मेडिसिन में छपे इस अध्ययन में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह दावा किया है कि हर चार में से तीन व्यक्ति ऐसे हैं, जिन्होंने हाइपरटेंशन के शिकार होने के बावजूद कभी अपने बीपी की जांच नहीं करवाई। आधे से भी कम 45 फीसद ऐसे लोग हैं जो अपना इलाज करा रहे हैं। 13 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्होंने हाल ही में दवा लेनी शुरू की है, जबकि आठ प्रतिशत लोगों का ब्लड प्रेशर कंट्रोल पाया गया। यह अध्ययन पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआइ), हार्वर्ड टीएच चेन पब्लिक हेल्थ स्कूल, हाइडलबर्ग इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम और यूनिवर्सिटी ऑफ गोंटिगेन के शोधकर्ताओं ने मिलकर किया है।

नहीं मिल पा रही उचित स्वास्थ्य सेवाएं
इस शोध में यह भी पाया गया है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले वयस्कों, खासतौर पर पुरुष और गरीब परिवारों के लोगों को जरूरत के हिसाब से स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। 15 से 49 साल की उम्र वाले लोगों में से हाइपरटेंशन के शिकार केवल 5.3 फीसद पुरुष और 10.9 प्रतिशत महिलाओं का बीपी नियंत्रित पाया गया, क्योंकि उन्हें समय रहते दवाएं मिल जाती हैं। लेकिन हाई बीपी की स्क्रीनिंग में राज्य स्तर पर काफी असमानताएं देखने को मिली हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, मध्य प्रदेश में हाइपरटेंशन के मामले सबसे कम 61.3 फीसद मिले तो हरियाणा में 93.5 प्रतिशत के साथ सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।

शोध के मुताबिक 15 से 49 साल के आधे से ज्यादा भारतीय अपने रक्तचाप के बारे में जागरूक ही नहीं है। 22.1 फीसद के साथ छत्तीसगढ़ में जागरूकता का स्तर सबसे कम मिला है और 80.5 फीसद के साथ पुडुचेरी के लोग सबसे ज्यादा जागरूक पाए गए। कुल राज्यों में (जिनमें केंद्र शासित प्रदेश भी शामिल हैं) से 27 प्रांतों में बीपी का कंट्रोल रेट 10 फीसद से भी कम है। दमन और दीव में सबसे ज्यादा, पर पांच में से केवल एक व्यक्ति का बीपी नियंत्रित पाया गया।

अध्ययन में उच्च रक्तचाप के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर बल दिया गया है। इस शोध के सह लेखक और पीएचएफआइ में रिसर्च और पॉलिसी के वाइस प्रेसीडेंट डॉक्टर डोराइराज प्रभाकरन ने कहा ‘हाई बीपी के मरीजों की पहचान करना बिल्कुल आसान है और समय पर दवाएं लेने से हम इसे आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।’

हाई ब्लड प्रेशर क्‍या है?
हाई ब्लड प्रेशर का ही दूसरा नाम हाइपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) है। आपको पता होगा कि हमारे शरीर में मौजूद रक्त नसों में लगातार दौड़ता रहता है और इसी रक्त के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए जरूरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लड प्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है। आमतौर पर ये ब्लड प्रेशर इस बात पर निर्भर करता है कि हृदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है और रक्त को नसों में प्रवाहित होने में कितने अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल गाइडलाइन्स के अनुसार 130/80 mmHg से ज्यादा रक्त का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है।

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
उच्‍च रक्‍तचाप के प्रारंभिक लक्षण में रोगी के सिर के पीछे और गर्दन में दर्द रहने लगता है। कई बार इस तरह की परेशानी को वह नजरअंदाज कर देता है, जो आगे चलकर गंभीर समस्‍या बन जाती है। आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर के ये लक्षण होते हैं। तनाव होना सिर में दर्द सांसों का तेज चलना और कई बार सांस लेने में तकलीफ होना सीने में दर्द की समस्या आंखों से दिखने में परिवर्तन होना जैसे धुंधला दिखना पेशाब के साथ खून निकलना सिर चकराना थकान और सुस्ती लगना नाक से खून निकलना नींद न आना दिल की धड़कन बढ़ जाना।

हाई ब्लड प्रेशर का इलाज
आपको अपने आहार में नमक का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में नमक का सेवन, हृदय समस्‍याओं के खतरे को बढ़ाता है। यदि आप समय रहते अपने खान-पान पर ध्यान देंगे तो आपको भविष्‍य में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी। कोलेस्‍ट्रॉल नियंत्रित रखें आपको ऐसे आहार का सेवन नहीं करना चाहिए, जिससे कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर बढ़ सकता है। कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर बढ़ने से रक्‍तचाप का स्‍तर भी बढ़ता है और इसका असर आपके हृदय पर भी पड़ता है। हृदय को तंदुरुस्‍त बनाए रखने के लिए मौसमी फलों और हरी सब्जियों के साथ ही मछली का सेवन करना चाहिए।

एल्‍कोहल से रहें दूर विशेषज्ञों के मुताबिक ज्‍यादा मात्रा में एल्‍कोहल का सेवन भी आपके ब्‍लड प्रेशर को बढ़ाता है। एल्‍कोहल के सेवन से वजन बढ़ता है, भविष्‍य में यह आपके दिल के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है। स्वास्‍थ्‍य और रहन-सहन पर ध्यान देकर आप हृदय संबंधी परेशानियों से बच सकते हैं।

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