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जेल के कमरे से भी छोटे होते हैं अधिकांश भारतीय घर: सर्वे

नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की 69वें राउंड सर्वे रिपोर्ट और मॉडल प्रिजन मैनुअल 2016 की तुलना करने पर पता चला कि अधिकतर भारतीय मकान जेलखाने से भी छोटा है।

By Monika minalEdited By: Published: Mon, 28 Aug 2017 11:14 AM (IST)Updated: Mon, 28 Aug 2017 11:31 AM (IST)
जेल के कमरे से भी छोटे होते हैं अधिकांश भारतीय घर: सर्वे
जेल के कमरे से भी छोटे होते हैं अधिकांश भारतीय घर: सर्वे

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। देश की शहरी और ग्रामीण जनसंख्‍या का बड़ा हिस्‍सा जेल में एक कैदी को दिए गए  जगह से भी कम में रहने को मजबूर है। जेल में एक कैदी के लिए तय किए गए जगह से भी कम जगह में भारत की अधिकांश जनसंख्या रह रही है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के 69वें राउंड सर्वे रिपोर्ट के जरिए यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस सर्वे में भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के मकानों में रहने वाले परिवारों की तुलना मॉडल प्रिजन मैनुअल 2016 के साथ की गई।

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टाइम्‍स ऑफ इंडिया के एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 80 फीसद गरीब ग्रामीण परिवारों का औसत फ्लोर एरिया 449 वर्ग फुट या उससे छोटा है। बता दें कि ग्रामीण इलाकों में औसत घरेलू आकार 4.8 सदस्यों का है, यानि परिवार के प्रति सदस्‍य के लिए 94 वर्ग फीट या उससे कम जगह है। जेल के कमरों के लिए 96 वर्ग फुट जगह तय की गई है, जिसकी तुलना में यह क्षेत्र छोटा है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की 69वें राउंड सर्वे रिपोर्ट और मॉडल प्रिजन मैनुअल 2016 की तुलना करने पर आवास परिस्थितियों के संबंध में यह निष्कर्ष निकला है।

शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों की बात करें तो 60 फीसद जनसंख्‍या मकानों में रहते हैं और इनके पास औसतन 380 वर्गफीट या उससे कम जमीनी क्षेत्र है। औसतन इन परिवारों में 4.1 सदस्‍यों शामिल हैं और प्रति सदस्‍य 93 sq ft का क्षेत्र है। एक बार फिर यह क्षेत्र जेलखाने में कैदी को मुहैया किए जाने वाले क्षेत्रफल से कम है। रिपोर्ट में बताया गया कि गरीब राज्‍यों में दलितों और आदिवासियों को रहने के लिए काफी कम जगह उपलब्‍ध है जिसमें वे जिंदगी गुजार रहे हैं। अनुसूचित जाति के प्रति शख्‍स के लिए 70.3 sq ft जबकि आदिवासियों के लिए 85.7 sq ft है। इसके अलावा 20 फीसद सबसे गरीब परिवारों के प्रति सदस्‍य को शहरी क्षेत्रों में 75 sq ft और ग्रामीण क्षेत्रों में 78 sq ft का क्षेत्र रहने के लिए है। अमीरों की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों के 32 फीसद धनी परिवारों के प्रति सदस्‍य 102 sq ft और शहरी क्षेत्रों में इनके लिए 135 sq ft का क्षेत्र मुहैया कराया गया है। करीब 15 राज्‍यों व केंद्रशासित प्रदेशों की ग्रामीण जनसंख्‍या जेल में एक कैदी को उपलब्‍ध कराए जाने वाले जगह से भी कम में रह रही है।

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