ट्रक ड्राइवरों की गलती से होते हैं सर्वाधिक हादसे, शैक्षिक योग्यता समाप्त के पक्ष में नहीं है परिवहन विभाग
बढि़या सड़कों और तुरंत स्पीड पकड़ने वाली गाडि़यों के कारण ऐसे हादसे तेजी बढ़ रहे हैं। इनसे होने वाली दुर्घटनाएं भी ज्यादा भयानक हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सबसे ज्यादा सड़क हादसे ड्राइवरों की गलती से होते हैं। यही वजह है कि परिवहन विशेषज्ञों ने ड्राइवरों के लिए शैक्षिक योग्यता समाप्त करने के प्रस्ताव पर हैरानी जताई है। उनका कहना है कि जिस तरह देश में गंभीर हादसों का प्रतिशत बढ़ रहा है, उसे देखते हुए सरकार को ऐसे कदमों से बचना चाहिए।
शैक्षिक योग्यता शून्य करने के सरकार के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के अध्यक्ष केके कपिला ने संयुक्त राष्ट्र में किए वादे के अनुसार सड़क हादसों और मौतों में कमी लाने के लिए ठोस उपाय करने की अपील की।
इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के संयोजक एसपी सिंह ने भी सरकार के प्रस्ताव को उलटी दिशा में उठाया गया कदम बताया है। उनके मुताबिक चूंकि गाडि़यों के मेकेनिज्म के साथ कागजी प्रक्रियाएं जटिल व डिजिटल हो गई हैं। ऐसे में ड्राइवरों का पर्याप्त शिक्षित होना जरूरी है। इसलिए सरकार को शैक्षिक योग्यता बढ़ाने के साथ ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एक्ट को भी लागू करना चाहिए। ताकि ड्राइवरों का वेतन बढ़े और पढे़-लिखे बेरोजगार युवा इस क्षेत्र में आएं।
ड्राइवरों की चूक से सर्वाधिक हादसे : वर्ष 2017 में देश में कुल 4,64,910 सड़क हादसों में 1,47,913 लोग मारे गए थे और 4,70,975 लोग घायल हुए थे।
सबसे ज्यादा 84 प्रतिशत सड़क हादसे ड्राइवरों खासकर वैध लाइसेंसधारक ड्राइवरों की गलती से होते हैं। इनमें भी 21 प्रतिशत हादसों का संबंध ट्रक, टेंपो और ट्रैक्टर चालकों से होता है। दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना है। बढि़या सड़कों और तुरंत स्पीड पकड़ने वाली गाडि़यों के कारण ऐसे हादसे तेजी बढ़ रहे हैं। इनसे होने वाली दुर्घटनाएं भी ज्यादा भयानक हैं।
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