राष्ट्रीय लोक अदालतों में निपटाए गए 1.14 करोड़ विवाद, नालसा की पहल से लोगों को मिल रहा न्याय
देशभर में शनिवार को आयोजित लोक अदालतों में सुलह-समझौते के जरिये 1.14 करोड़ विवाद निपटाए गए। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने न्याय तक लोगों की पहुंच सुलभ करने और त्वरित न्याय के लिए शनिवार को वर्ष 2024 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया। वहीं देंश में शनिवार को वर्ष 2024 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देशभर में शनिवार को आयोजित लोक अदालतों में सुलह-समझौते के जरिये 1.14 करोड़ विवाद निपटाए गए। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने न्याय तक लोगों की पहुंच सुलभ करने और त्वरित न्याय के लिए शनिवार को वर्ष 2024 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया।
देशभर में 27 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की तालुका, जिला और उच्च न्यायालयों में आयोजित इन लोक अदालतों में पक्षकारों के बीच सुलह, समझौते के जरिये विवादों का निपटारा किया गया। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण विभिन्न पहलों के माध्यम से सभी के लिए न्याय तक पहुंच को सुलभ बनाने के लिए कार्य करता है। इसी क्रम में लोक अदालतों का भी आयोजन किया जाता है।
1,14,56,529 विवादों का निपटारा किया गया
शनिवार को वर्ष 2024 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ। इसमें 1,14,56,529 विवादों का निपटारा किया गया। कुल मामलों में से 94,60,864 मामले प्रि लिटिगेशन के थे। यानी ये विवाद अदालत में विधिवत केस दाखिल होने से पहले ही सुलह समझौते के जरिये निपटा दिए गए। 19,95,665 मामले लंबित केस थे, जिनका निपटारा लोक अदालतों में हुआ है। जो विवाद लोक अदालत में निपटाए गए हैं, उनमें ऐसे आपराधिक मामले शामिल थे जो समझौते के जरिये निपटाए जा सकते थे।
इसके अलावा इनमें ट्रैफिक चालान, राजस्व मामले, बैंक रिकवरी मामले, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस मामले, श्रम विवाद, वैवाहिक विवाद (तलाक के मामलों को छोड़ कर), भूमि अधिग्रहण, उपभोक्ता मामले और अन्य दीवानी मामले शामिल थे। इन मामलों में कुल निपटान राशि लगभग 8,482.08 करोड़ की रही।
ये आंकड़े शनिवार शाम 6.30 बजे तक के
देशभर से प्राप्त ब्योरे पर आधारित हैं। कुछ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों से रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद निपटाए गए केसों की संख्या बढ़ने की संभावना है। राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाए गए विवादों की संख्या और लोक अदालतों की सफलता दर्शाती है कि लोक अदालतों में लोगों का भरोसा है।
लोग वैकल्पिक तरीकों से आपसी सुलह व मध्यस्थता के जरिये विवाद सुलझाने के इच्छुक हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण लगातार देशभर में लोक अदालतों के आयोजन और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देने में लगा रहता है। इससे न सिर्फ लंबित मुकदमों का बोझ कम होता है, बल्कि त्वरित न्याय भी सुनिश्चित होता है।