मरकज बन गया जान का दुश्मन, मप्र से शामिल हुए सौ से ज्यादा व्यक्ति
दिल्ली में तब्लीगी मरकज के आयोजन में मध्य प्रदेश से भी सौ से ज्यादा व्यक्ति सम्मिलित हुए हैं। स्थिति को देखते हुए इस मामले में पूरी तरह सजग रहने की जरूरत है।
नई दिल्ली/ भोपाल, जेएनएन। तब्लीगी जमात का मुख्यालय दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज देश के लोगों के लिए जान का दुश्मन बन गया। निजामुद्दीन मरकज भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाने के स्रोत के रूप में उभर आया। यहां मध्य मार्च में देश-विदेश से आए हजारों लोगों के जरिए देश के तमाम हिस्सों में कोरोना का संक्रमण फैल गया। 26 मार्च को भी मरकज में धार्मिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें दो हजार लोगों ने हिस्सा लिया, जबकि उस समय पूरे देश में लॉकडाउन लागू था। मरकज निजामुद्दीन के 24 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें कुछ की मौत हो चुकी है।
तब्लीगी मरकज में मध्य प्रदेश से शामिल होने वाले सौ से ज्यादा व्यक्तियों को चिन्हित कर क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि कुछ दिन पूर्व दिल्ली में तब्लीगी मरकज का एक बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ था। इसमें पूरे देश से श्रद्धालु शामिल हुए थे। इस समूह में से करीब दो सौ लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के साथ छह लोगों की तेलंगाना में मौत होने की सूचनाएं मिली हैं।
जानकारी के मुताबिक, इस आयोजन में मध्य प्रदेश से भी सौ से ज्यादा व्यक्ति सम्मिलित हुए हैं। स्थिति को देखते हुए इस मामले में पूरी तरह सजग रहने की जरूरत है और जो भी व्यक्ति हमारे यहां से इस कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, उन्हें चिन्हित कर क्वारंटाइन किया जाए। यदि उनमें किसी भी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखें तो उनकी जांच और इलाज की पुख्ता व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधीक्षकों को यह कार्रवाई जल्द से जल्द पूरी के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा कि इसके अलावा धार्मिक कार्यक्रम के सिलसिले में जो भी व्यक्ति घूम रहे हैं। उनकी यात्रा का विवरण प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।
335 लोग दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि निजामुद्दीन मरकज में शामिल 335 लोग दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। 700 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो दिनों में दिल्ली पुलिस को निजामुद्दीन के मरकज मस्जिद में 1830 लोग मिले हैं, जिनमें से 281 विदेशी हैं। अधिकारियों के मुताबिक, 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन के एलान के बाद भी 16 देशों के 281 नागरिक तब्लीगी जमात के मरकज में रुके हुए थे।
इतने विदेशी मिले मरकज में
281 विदेशियों में से इंडोनेशिया के 72, श्रीलंका के 34, म्यांमार के 33, किर्गिस्तान के 28, मलेशिया के 20, नेपाल और बांग्लादेश के 9-9, थाइलैंड के 7, फिजी के 4, इंग्लैंड के 3 और अफगानिस्तान, अल्जीरिया, जिबूती, सिंगापुर, फ्रांस व कुवैत के 1-1 नागरिक हैं।
अलग-अलग राज्यों से 1,549, मप्र के 107
बाकी बचे 1,549 लोग भारतीय नागरिक हैं। इनमें से तमिलनाडु के 501, असम के 216, उप्र के 156, महाराष्ट्र के 109, मध्य प्रदेश के 107, बिहार के 86, बंगाल के 73, तेलंगाना के 55, झारखंड के 46, कर्नाटक के 45, उत्तराखंड के 34, हरियाणा के 22, अंडमान निकोबार के 21, राजस्थान के 19, हिमाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा के 15-15, पंजाब के 9 और मेघालय के 5 लोग हैं।
पिछले एक महीने में निजामुद्दीन मरकज में जुटे कम से कम 8,000
पिछले एक महीने में विदेशियों समेत कम से कम 8 हजार लोगों ने निजामुद्दीन का दौरा किया। जमात में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर या तो अपने-अपने घरों को लौट चुके हैं या देश के अलग-अलग हिस्सों में मरकज से जुड़े परिसरों में फिलहाल ठहरे हुए हैं। अब जमात में हिस्सा लेने वाले तमाम शख्स अलग-अलग राज्यों में कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं। इनमें से हैदराबाद में इंडोनेशिया के 6 नागरिक पॉजिटिव पाए गए जिनकी मौत हो गई। जम्मू-कश्मीर में भी एक शख्स की कोरोना से मौत हो चुकी है, जिसने जमात में हिस्सा लिया था।