संसद पर कोरोना का अटैक, चार दिन में 300 से अधिक कर्मचारी संक्रमित, अब तक 718 कर्मी चपेट में आए
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार बेहद तेज है। बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि बीते 9 से 12 जनवरी के बीच संसद के 300 से अधिक कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार बेहद तेज है। बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बीते 9 से 12 जनवरी के बीच संसद के 300 से अधिक कर्मचारी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इससे पहले जनवरी तक 400 से अधिक कर्मचारी औचक परीक्षणों के दौरान संक्रमित पाए गए थे। सूत्रों ने बताया कि अब तक लगभग 718 संसद कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि कुल 204 कर्मचारी राज्यसभा सचिवालय से हैं जबकि बाकी लोकसभा सचिवालय और संबद्ध सेवाओं से हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को देश में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सदन में स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी उपायों की जानकारी लेने के लिए संसद भवन परिसर का निरीक्षण किया था। मालूम हो कि संसद सदस्यों, लोकसभा और राज्य सभा सचिवालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए संसद भवन एनेक्सी में कोविड-19 जांच सुविधा स्थापित की गई है। ओम बिरला ने इसका भी दौरा किया था।
ओम बिरला ने कोविड-19 रोधी तैयारियों की समीक्षा की थी। यही नहीं बीते सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने दोनों सदनों के महासचिवों को कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के बीच आगामी बजट सत्र के सुरक्षित संचालन के लिए उपाय सुझाने के निर्देश दिए थे। सूत्रों की मानें तो नायडू और बिरला ने महासचिवों को मौजूदा स्थिति में पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान किए गए कोविड प्रोटोकाल की पर्याप्तता की समीक्षा करने को भी कहा है। इस संबंध में जल्द से जल्द एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
अमूमन बजट सत्र जनवरी के अंत में शुरू होता है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए राज्यसभा सचिवालय ने कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी हाल ही में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की थी। उन्होंने निर्देश दिया था कि बजट सत्र से पहले सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। लोकसभा सचिवालय ने भी कहा है कि अवर सचिव स्तर से नीचे के केवल 50 फीसद अधिकारी अपने संबंधित निदेशकों की ओर से तय किए गए रोटेशन के अनुसार कार्यालय आएंगे।