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धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन लाख से ज्यादा ट्वीट

ट्विटर इंडिया ने एक ट्वीट में कहा है, भारत में एलजीबीटीक्यू समुदाय को बधाई। जीत की खुशी।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 07:40 AM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 07:40 AM (IST)
धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन लाख से ज्यादा ट्वीट
धारा 377 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन लाख से ज्यादा ट्वीट

नई दिल्ली, आइएएनएस/प्रेट्र। समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन लाख से ज्यादा ट्वीट किए गए हैं। ये ट्वीट हैशटैग सेक्शन 377 और एलजीबीटीक्यू के साथ पिछले 12 घंटे में किए गए हैं। यह जानकारी माइक्रो ब्लागिंग साइट ने दी है। ट्विटर इंडिया ने एक ट्वीट में कहा है, 'भारत में एलजीबीटीक्यू समुदाय को बधाई। जीत की खुशी।' 

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दुनिया भर की मीडिया ने की सराहना
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दुनिया भर की मीडिया ने स्वागत किया है। वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयार्क टाइम्स सहित विभिन्न अखबारों के साथ ही सीएनएन और बीबीसी ने भी फैसले का स्वागत किया है। विभिन्न देशों से आ रही प्रतिक्रियाओं में कहा गया है कि इससे न केवल सबसे बड़े लोकतंत्र, बल्कि विश्व भर में समलैंगिकों के अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा। इस फैसले ने वर्षों से चल रही कानूनी लड़ाई को खत्म कर दिया है। ह्यूमन राइ्टस वाच की दक्षिण एशिया की निदेशक मीनाक्षी गांगुली का कहना है कि इस फैसले के बाद अन्य देशों को भी प्ररणा मिलेगी। 

गूगल ने होमपेज पर ग्रे प्राइड फ्लैग लगाया
गूगल इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपने होम पेज पर इंद्रधनुष ध्वज लगाया। इस इंटरनेट समूह को विभिन्न अवसरों पर अपने होमपेज पर रंगारंग संकेत देने के लिए जाना जाता है। रेनबो फ्लैग पर क्रासर ले जाने के बाद संदेश 'बराबरी के अधिकार का उत्सव' आता है। फेसबुक ने भी बदलाव किया है। 

बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने कामगारों के बीच बराबरी वाला माना
बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कामगारों के बीच बराबरी की दिशा में एक कदम माना है। फैसले की सराहना करते हुए अमेरिकी फर्म सेल्सफोर्स ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सभी के लिए बराबरी सुनिश्चित करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।

रिक्रूटमेंट सर्विस के प्रमुख अजय शाह ने कहा कि हम एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और सामाजिक बदलाव को महसूस करेंगे। इससे नए आयाम और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जेएलएल के कंट्री हेड इंडिया रमेश नायर ने कहा कि यह तबका समाज में लगातार उपेक्षा झेल रहा था। उसके साथ भेदभाव और तिरस्कार हो रहा था। अब हम क्षमता के आधार पर प्रत्याशियों का चयन कर सकेंगे। 


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