सभी मंडलों में होगा आरपीएफ का बम दस्ता, कश्मीर में बढ़ेंगे जवान
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट के दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बाद जम्मू-कश्मीर समेत देश भर में रेलवे स्टेशनों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पुलवामा में आतंकी हमले के बाद उपजे सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल आरपीएफ ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत न केवल जम्मू एवं कश्मीर में आरपीएफ की क्षमता बढ़ाई जाएगी, बल्कि सभी रेल मंडलों में बम निरोधक दस्ते का गठन भी किया जाएगा।
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने संवाददाताओं को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुलवामा में सीआरपीएफ के कॉनवाय पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा आत्मघाती बम विस्फोट के दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बाद जम्मू-कश्मीर समेत देश भर में रेलवे स्टेशनों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत कश्मीर में आरपीएफ की ताकत बढ़ाने के लिए एक अतिरिक्त कंपनी भेजी जा रही है। अभी वहां आरपीएफ की चार कंपनियां तैनात हैं। एक और कंपनी भेजे जाने से वहां आरपीएफ की पांच कंपनियां हो जाएंगी। इस तरह वहां आरपीएफ के कुल 625 जवान हो जाएंगे।
इसी के साथ रेलवे स्टेशनों, कारखानो तथा अन्य रेल प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए रेलवे के सभी डिवीजनों में एक-एक बम निरोधक स्क्वाड गठित करने का निर्णय भी लिया गया है।
कुमार के मुताबिक रेलवे स्टेशनों, प्रतिष्ठानों तथा ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के सिलसिले में बुधवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव ने उनके साथ सभी जोनो में आरपीएफ तथा जीआरपी प्रमुखों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए चर्चा कर सुरक्षा बंदोबस्त की समीक्षा की थी। इसमें 202 प्रमुख स्टेशनों तथा 5000 ट्रेनों में आरपीएफ के सुरक्षा इंतजामों का बारीकी से विश्लेषण कर खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए।
इस बीच स्टेशनों, ट्रेनों में होने वाली चोरी, लूटपाट, छेड़खानी आदि की घटनाओं पर यात्रियों को शिकायत और एफआइआर की त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आरपीएफ ने गृह मंत्रालय की मदद से मोबाइल ऐप विकसित करने का निर्णय लिया है। कुमार ने बताया कि एक समिति इसके तौर-तरीकों पर काम कर रही है। उम्मीद है कि एक-दो महीने में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। ऐप में आरपीएफ तथा मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों के ऐप की खूबियों का समावेश किया जाएगा। ऐप आने के बाद यात्री कहीं से भी मोबाइल पर अपराध की शिकायत दर्ज कर सकेंगे। जांच पड़ताल के बाद उपयुक्त आरपीएफ थाने में एफआइआर दर्ज हो जाएगी।