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Monsoon Session Of Parliament: मानसून सत्र से पहले की जा रही संसद के कर्मचारियों की कोरोना जांच

संसद के 14 सितंबर से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले उसके अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच के लिए संसद परिसर में शिविर शुरू हो गया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 08:54 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 08:54 AM (IST)
Monsoon Session Of Parliament: मानसून सत्र से पहले की जा रही संसद के कर्मचारियों की कोरोना जांच
Monsoon Session Of Parliament: मानसून सत्र से पहले की जा रही संसद के कर्मचारियों की कोरोना जांच

नई दिल्ली, आइएएनएस। संसद के 14 सितंबर से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले उसके अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच के लिए शनिवार से संसद परिसर में शिविर शुरू हो गया।शिविर के पहले दिन संसद में काम करने वाले सभी अधिकारियों से कोरोना जांच कराने के लिए कहा गया। अन्य सभी कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की कोरोना जांच के लिए शिविर मंगलवार तक जारी रहेगा।

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संसद के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना जैसे लक्षणों वाले लोगों का आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाएगा, जबकि बाकी का रैपिड टेस्ट होगा। लोकसभा सचिवालय ने जांच शिविर के दौरान संसद के रिसेप्शन पर सात काउंटरों का प्रबंध किया है। सत्र से पहले सभी संसद सदस्यों से 11 सितंबर के बाद आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने का अनुरोध किया गया है। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उनका टेस्ट संसद के रिसेप्शन पर कराया जाएगा और सत्र में हिस्सा लेने के लिए उन्हें उसके रिजल्ट की प्रतीक्षा करनी होगी।

संसद सत्र के संचालन को किए गए व्यापक इंतजाम

हजारों मास्क व ग्लव्स, सैनिटाइजर की सैकड़ों बोतलें व फेस शील्ड, बिना संपर्क के खुलने वाले दरवाजे तथा सांसद व अन्य स्टाफ समेत करीब 4000 लोगों के लिए कोरोना जांच की व्यवस्था..। पहली बार कोरोना संक्रमण की महामारी के बीच 14 सितंबर से 18 दिन चलने वाले संसद सत्र के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। अधिकारियों ने बताया, 'संसद भवन का तो सैनिटाइजेशन किया ही जाएगा, साथ ही कामकाज से संबंधित दस्तावेज, सांसदों की कार व जूतों को भी सैनिटाइज किया जाएगा। सुरक्षाकर्मी तो बिना संपर्क सुरक्षा जांच करेंगे ही, थर्मल स्क्रीनिंग भी पूरी तरह संपर्करहित होगी।

अलग-अलग शिफ्ट में सत्र

मानसून सत्र के दौरान पहली बार लोकसभा और राज्यसभा अलग-अलग शिफ्ट में चलेगी। इसके अलावा सांसदों के लिए शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए बैठने की खास व्यवस्था की गई है।'कोरोना संक्रमण की महामारी के मद्देनजर संसद को सुरक्षित बनाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, आइसीएमआर व डीआरडीओ से विस्तृत बातचीत कर चुके हैं। सांसदों, सचिवालय कर्मियों व कार्यवाही की कवरेज करने वाले मीडियाकर्मियों को सत्र की शुरुआत से 72 घंटे पहले कोरोना संक्रमण की जांच कराने के लिए कहा गया है। संसद के मुख्य भवन में केवल सांसद व मंत्रियों को प्रवेश की इजाजत होगी, जबकि उनके स्टाफ के लिए अलग व्यवस्था की गई है। 

संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए सांसदों को मास्क पहने व बैठे हुए ही बोलने की इजाजत दी जाएगी। सभी सांसदों को डीआरडीओ की तरफ से कोविड-19 किट दी जाएगी। इसमें 50 डिस्पोजेबल मास्क, पांच एन-95 मास्क, 20 बोतल सैनिटाइजर (50 एमएल), फेस शील्ड, 40 जोड़े ग्लव्स, दरवाजा खोलने व बंद करने के लिए टच-फ्री हुक व टी बैग मौजूद होंगे।


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