पहाड़ों पर भूस्खलन, मैदानों में तेज बरसात, रास्ते में फंसा आदि कैलास यात्रा से लौट रहा दल
उत्तराखंड में बारिश से चारधाम यात्रा मार्गाें पर भूस्खलन के चलते इनके बंद होने व खुलने का क्रम जारी है।
जेएनएन, नई दिल्ली। भारी बरसात के चलते पहाड़ों पर भूस्खलन से आफत बढ़ गई है। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। उधर, राजस्थान में तेज बरसात के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। रेल और सड़क यातायात भी अवरुद्ध रहा।
उत्तराखंड में बारिश से चारधाम यात्रा मार्गाें पर भूस्खलन के चलते इनके बंद होने व खुलने का क्रम जारी है। केदारनाथ राजमार्ग पर मुनकटिया के पास मलबा आने से पांच घंटे बंद रहा। वहीं, बागेश्वर जिले में गिरे पत्थरों की चपेट में आकर एक किशोरी की मौत हो गई। केदारनाथ हाईवे पर गौरीकुंड के नजदीक मुनकटिया में भारी मलबा आ गया। पांच घंटे बाद 11 बजे हाईवे खोला जा सका। बदरीनाथ राजमार्ग शनिवार रात लामबगड़ के पास बाधित रहा। कुमाऊं में पिथौरागढ़, बागेश्वर व चंपावत जिलों में छह मार्ग बंद हैं।
राजस्थान में शनिवार रात से लेकर रविवार शाम तक जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, जालौर, पाली सहित कई शहरों में जोरदार बारिश हुई। जोधपुर में बाढ़ के हालात बनते जा रहे है। यहां पानी के बहाव में दुपहिया वाहन बह गए। वाहन बचाने के दौरान तीन लोगों में से एक बह गया। रविवार को आबूरोड़-मेहसाना-अहमदाबाद एक्सप्रेस और अहमदाबाद-अजमेर एक्सप्रेस रद करनी पड़ी। आधा दर्जन ट्रेनों का रूट बदला गया है।
हिमाचल प्रदेश में नौ जिलों में सोमवार व मंगलवार को भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। उधर, रविवार को मनाली-लेह मार्ग वाहनों के लिए बहाल हो गया है। उत्तर प्रदेश में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई। गंगा, घाघरा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। महाराजगंज जिले में बांध टूट गया। फतेहपुर में एक किशोरी उफनते नाले में बह गई। बिहार के कई जिलों में भी झमाझम बरसात हुई।
दिल्ली मौसम विभाग के निदेशक रवींद्र विशेन ने बताया कि दक्षिण पश्चिमी मानसून राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पहुंच गया है। जून में 191.9 मिली मीटर तक बारिश हुई। यह पिछले कई सालों की तुलना में काफी अधिक है। इससे पहले 2007 में दिल्ली में 150.9 मिमी बारिश हुई थी। झारखंड में रांची समेत कई इलाकों में जमकर बारिश हुई। इससे हजारीबाग व सिमडेगा में तीन पुल व डायवर्सन बह जाने से दर्जनों गांवों का मुख्यालयों से संपर्क कट गया है।
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