धीमी हुई मानसून की रफ्तार, राहत के लिए उत्तर का बढ़ा इंतजार
समय से पहले दस्तक देने वाले दक्षिण पश्चिम मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। समय से पहले दस्तक देने वाले दक्षिण पश्चिम मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है। मानसून के कमजोर हो जाने से उत्तर भारत को गर्मी से राहत पाने के लिए अब और इंतजार करना होगा। मौसम विभाग ने अगले पांच-छह दिनों में मानसून के एकबार फिर से जोर पकड़ने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून के जोर पकड़ने पर देश के दक्षिणी हिस्से में तेज बारिश होगी। उत्तर पूर्व समेत पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में तेज बारिश के साथ हिमाचल, हरियाणा, चंदीगढ़ और दिल्ली के कुछ क्षेत्रों में आंधी-तूफान के साथ छिटपुट बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 28 मई से 15 जून तक मानसून की रफ्तार तेज रही। लेकिन 15 जून के बाद से मानसून की रफ्तार में सुस्ती देखने को मिल रही है। अनुमान है कि ओडिशा और उत्तर-पूर्व के कुछ हिस्सों में 23 से 24 जून तक अच्छी बारिश होगी। वहीं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक समेत दक्षिणी प्रायद्वीप के हिस्सों में 26 जून से अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि देश में 70 फीसदी बारिश के लिए जिम्मेदार दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस साल इंतजार नहीं कराया। समय से तीन दिन पहले ही केरल के तटों पर मानसून ने दस्तक दे दी थी। मौसम विभाग ने पिछले महीने 16 अप्रैल को अनुमान जताया था कि इस साल मानसून निराश नहीं करेगा और लगातार चार महीने तक देश के अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छी बारिश होगी।
मौसम विभाग का अनुमान है कि सामान्य मानसून और समय से पहले आया मानसून इस साल खरीफ फसल के लिए वरदान साबित होगा। कृषि क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि मौजूदा स्थिति में मानसून के कमजोर पड़ने का सीधा असर कई राज्यों में खरीफ बुआई पर पड़ेगा। मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश के बारिश पर निर्भर इलाकों में खरीफ बुआई देरी से होगी।