अब पूंछ की वजह से नहीं मारी जाएगी शार्क
शार्क ही नहीं इसकी पूंछ को भी अब वन्य जीव (सुरक्षा) कानून के तहत प्रतिबंधित सूची में शामिल कर लिया गया है। पूंछ की वजह से हो रहे इसके शिकार को देखते हुए वन और पर्यावरण मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। उनका कहना है कि इससे शार्क के शिकार पर काबू पाना आसान होगा। वन और पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने वन्य जीव (
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। शार्क ही नहीं इसकी पूंछ को भी अब वन्य जीव (सुरक्षा) कानून के तहत प्रतिबंधित सूची में शामिल कर लिया गया है। पूंछ की वजह से हो रहे इसके शिकार को देखते हुए वन और पर्यावरण मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। उनका कहना है कि इससे शार्क के शिकार पर काबू पाना आसान होगा।
वन और पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने वन्य जीव (सुरक्षा) कानून में इस बदलाव को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। इसके बाद जहाज और नाव पर भी अगर शार्क की पूंछ मिल गई तो उसे संरक्षित जीवों के शिकार का दोषी माना जाएगा। शार्क की पूंछ की भारी मांग है। इस वजह से अक्सर मछुआरे समुद्र के अंदर ही उसे पकड़ कर नाव पर ही उसकी पूंछ काट लेते हैं और शार्क को तड़प-तड़प कर मरने को छोड़ देते हैं। इसके बाद पूंछ बेच दी जाती है।
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