Move to Jagran APP

अल-सिसी को रुपये में कारोबार करने की पेशकश करेंगे मोदी, छह समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना

मोदी और अल-सिसी के बीच द्विपक्षीय कारोबार के साथ ही रक्षा क्षेत्र में सहयोग प्रगाढ़ करने पर भी बात होगी। अल-सिसी 24 जनवरी को शाम छह बजे अपने सरकारी विमान से नई दिल्ली पहुंचे। अल-सिसी का 25 जनवरी को सुबह राष्ट्रपति भवन में राजकीय समारोह में स्वागत किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraPublished: Tue, 24 Jan 2023 09:40 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 09:40 PM (IST)
अल-सिसी को रुपये में कारोबार करने की पेशकश करेंगे मोदी, छह समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना
गणतंत्र दिवस में राजकीय मेहमान होंगे मिस्त्र के राष्ट्रपति

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बुधवार को मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सिसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी हैदराबाद हाउस में आमने-सामने होंगे तब वह दोनो देशों के बीच स्थानीय मुद्रा में कारोबार करने की पेशकश करेंगे। मिस्त्र की माली हालात बहुत खराब है और उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार घट रहा है, ऐसे में दोनो देशों के बीच स्थानीय मुद्रा में कारोबार करना उसके लिए सही साबित हो सकता है।

loksabha election banner

रक्षा क्षेत्र में सहयोग प्रगाढ़ करने पर होगी

मोदी और अल-सिसी के बीच द्विपक्षीय कारोबार के साथ ही रक्षा क्षेत्र में सहयोग प्रगाढ़ करने पर भी बात होगी। अल-सिसी 24 जनवरी को शाम छह बजे अपने सरकारी विमान से नई दिल्ली पहुंचे। अल-सिसी का 25 जनवरी को सुबह राष्ट्रपति भवन में राजकीय समारोह में स्वागत किया जाएगा। उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से अलग से बात होगी। जबकि पीएम मोदी के साथ वह पहले एकांत में वार्ता करेंगे और उसके बाद द्विपक्षीय आधिकारिक वार्ता होगी। इसके बाद दोनो देशों की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा व तकरीबन आधे दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर भी होंगे।

सूत्रों ने बताया कि शीर्षस्तरीय बैठक के बाद जारी होने वाला बयान बहुत ही व्यापक होगा और एक तरह से दोनो देशों के भावी रिश्तों का एक रोडमैप होगा। भारत के लिए मिस्त्र के साथ कारोबार को बढ़ाना बहुत अहम है। इसकी वजह यह है कि मिस्त्र कई देशों के साथ पहले ही मुक्त व्यापार समझौता कर चुका है। भारत की कोशिश है कि मिस्त्र के जरिए वह इसके साझेदार देशों में भी अपने उत्पादों व सेवाओं को पहुंचाएं।

भारत से रक्षा उपकरण व युद्धक विमान खरीदेगा मिस्त्र

दोनो देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार कोविड के बाद तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2021-22 के दौरान इनके बीच द्विपक्षीय कारोबार 7.26 अरब डॉलर का हुआ है जो एक वर्ष पहले के मुकाबले 75 फीसद ज्यादा है। इसमें भारत का निर्यात 3.74 अरब डॉलर का रहा था।

दोनो देशों ने वर्ष 2026-27 तक 12 अरब डॉलर के द्विपक्षीय कारोबार का लक्ष्य रखा है। भारतीय कंपनियों ने मिस्त्र में 3.3 अरब डॉलर का निवेश भी कर रखा है। मिस्त्र स्वेज नहर का विस्तार भी कर रहा है और भारत इसमें निवेश करने की संभावना तलाश रहा है।

रणनीतिक जानकार बताते हैं कि बदलते वैश्विक माहौल को देखते हुए स्वेज नहर की अहमियत भारत के लिए और बढ़ जाएगी। स्वेज के पास ही मिस्त्र एक बड़ा आर्थिक क्षेत्र स्थापित हो रहा है और इसमें भी भारतीय कंपनियों को निवेश करने को आमंत्रित कर रहा है।

दोनो नेताओं के बीच होने वाली वार्ता में रक्षा सहयोग भी काफी अहम होगा। इस साल पहली बार भारत और मिस्त्र की तीनों सेनाओं के बीच सैन्य अभ्यास होने वाला है। मिस्त्र ने भारत से कई तरह के रक्षा उपकरण व युद्धक विमान खरीदने की रूचि दिखाई है। दोनो देशों के बीच साथ मिल कर युद्धक विमानों का इंजन बनाने को लेकर भी सहयोग स्थापित करने की बात हो रही है।

ये भी पढ़ें- Budget 2023: हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी में कमी की मांग, महामारी पूल और डिविडेंड पर टैक्स छूट की उम्मीद

ये भी पढ़ें- Fact Check Story: सलमान और सोनाक्षी सिन्हा की शादी का दावा फेक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.