वृद्धाश्रम खोलने की दिशा में मोदी का बड़ा कदम, बुजुर्गो को अब नहीं छोड़ेंगे बेसहारा
मार्च 2019 तक देश के सौ ऐसे जिलों में वृद्धाश्रम खोलने की योजना है, जहां अभी तक एक भी नहीं है।
अरविंद पांडेय। नई दिल्ली। देश में बुजुर्गो की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने फिलहाल सभी जिलों में वृद्धाश्रमों को खोलने की दिशा में एक बड़ा कदम बढाया है। इसके तहत सरकार ने एक नई नीति को मंजूरी दी है। नई नीति के तहत सरकार का फोकस अब ऐसे जिलों पर होगा, जहां अभी वृद्धाश्रम नहीं है। इनमें भी प्राथमिकता सरकारी या उससे जुड़े संस्थानों को मिलेगी। जहां पहले से वृद्धाश्रम मौजूद हैं वहां नए को स्वीकृति नहीं मिलेगी।
देश के सभी जिलों में खुलेंगे वृद्धाश्रम
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक वृद्धाश्रमों के बेतरतीब वितरण को खत्म करने और जरूरतमंद प्रत्येक बुजुर्गो की मदद को लेकर यह नीति तैयार की गई है। मौजूदा समय में सरकार के पास इसे लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। जिन जिलों से इसके लिए प्रस्ताव आते थे, उन्हें खुले रुप से स्वीकृत दे दी जाती थी। ऐसे में कई राज्यों और जिलों में जहां इसकी संख्या काफी अधिक है, वहीं बड़ी संख्या में जिले अभी भी इससे वंचित है।
मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के मौजूदा कुल 718 जिलों में से करीब 488 ऐसे जिले है, जहां अभी भी वृद्धाश्रम नहीं है। वहीं जिन राज्यों में सबसे ज्यादा वृद्धाश्रम खुले है, उनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश आगे है। मौजूदा समय में देश के करीब 230 जिलों में करीब चार सौ वृद्धाश्रम संचालित है।
सरकारी संस्थानों ओर से आने वाले प्रस्तावों को तरजीह दी जाएगी। सरकार ने इसे लेकर यह पहल उस समय की है, जब देश में बुजुर्गो की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में इनकी संख्या में देश की कुल जनसंख्या का 12 फीसद (2018 की स्थिति में) है। जो वर्ष 2011 में मात्र 8.6 फीसद थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक इनकी संख्या कुल जनसंख्या का 14 से 16 फीसद तक हो सकती है।
मार्च तक 100 नए जिलों में आश्रम खोलने की लक्ष्य
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक मार्च 2019 तक देश के सौ ऐसे जिलों में वृद्धाश्रम खोलने की योजना है, जहां अभी तक एक भी नहीं है। इसके लिए राज्यों से प्रस्ताव मांगे गए है। राज्यों से प्रस्ताव आते ही यह मंजूरी दी जाएगी।