मोदी ने गीता में देखी 'लघु उद्योग की विशाल क्षमता'
बिहार की महिला ने पीएम को तोहफे में भेजी थी प्लास्टिक कचरे से बनी टोकरी..
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली गीता देवी में लघु उद्योग स्थापित करने की विशाल क्षमता देखी है। दरअसल, गीता ने प्लास्टिक के कचरे से बनी एक टोकरी उपहार के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्सल की थी। उनको उम्मीद थी कि यह तोहफा देखकर प्रधानमंत्री उनको धन्यवाद पत्र तो जरूर लिखेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री ने न केवल उस 'अद्भुत' उपहार को स्वीकारा, बल्कि उनकी इस शिल्पकला में 'लघु उद्योग स्थापित करने की विशाल क्षमता' पर भी ध्यान दिया। मोदी को वह 'अद्भुत' उपहार अपने विशेष अभियान 'स्वच्छ भारत' के लिए भी उपयोगी लगा।
50 वर्षीय गीता गुलदान, टोकरियां और ऐसी ही वस्तुएं बनाने के लिए रैपर्स और पॉलीथीन जैसे प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल करती हैं। प्रधानमंत्री मोदी को उपहार में टोकरी देने के लिए उनके सौतेले बेटे मनोज कुमार झा ने उन्हें प्रोत्साहित किया था। गीता ने पिछले महीने इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भेजा था। प्रधानमंत्री का जवाब मिलने के बाद उन्होंने बताया, 'मैं बहुत खुश हूं कि मोदी जी ने मुझे जवाब भेजा है।' अशिक्षित होने के कारण यह पत्र उनके परिजनों ने उन्हें पढ़कर सुनाया।
मोदी ने गीता को लिखे पत्र में कहा है, 'प्लास्टिक के कचरे का इस्तेमाल कर सुंदर उत्पाद बनाने का विचार अद्भुत है। यह न केवल 'स्वच्छ भारत' अभियान के लिए उपयोगी है, बल्कि यह लघु उद्योग स्थापित करने की विशाल क्षमता भी रखता है।'
गीता एक गृहिणी हैं, जबकि उनके पति रामचंद्र झा छोटी जोत के किसान हैं। हालांकि कचरे से उपयोगी वस्तुएं बनाने का उनका प्रयोग सिर्फ शौक तक ही सीमित है। उन्होंने कभी भी इसे अपनी कमाई का जरिया बनाने की नहीं सोची। उनके पति कहते हैं, 'अब जबकि प्रधानमंत्री ने प्रोत्साहित किया है तो हमें लगता है कि यह किया जा सकता है। लेकिन कोई भी कारोबार करने के लिए हमारे पास धन नहीं है। यदि हमें ऋण मिलता है, तो हम ऐसा कर सकते हैं।'
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