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पाक समारोह में जाने पर बढ़ा विवाद, वीके सिंह का इस्‍तीफा से इन्‍कार

पाकिस्‍तान दिवस पर पाक उच्‍चायोग में आयोजित समारोह में अलगाववादी नेताओं की शिरकत से गर्माई सियासत से नाराज विदेश राज्‍यमंत्री वीके सिंह ने पद से इस्‍तीफा देने से इन्‍कार किया है। इससे पहले, सूत्रों के हवाले से यह सूचना दी गई थी उन्‍होंने इस्‍तीफे की पेशकश की है और इस

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2015 02:20 AM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2015 12:29 AM (IST)
पाक समारोह में जाने पर बढ़ा विवाद, वीके सिंह का इस्‍तीफा से इन्‍कार

नई दिल्ली। पाकिस्तान दिवस पर पाक उच्चायोग में आयोजित समारोह में अलगाववादी नेताओं की शिरकत से गर्माई सियासत से नाराज विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने पद से इस्तीफा देने से इन्कार किया है। इससे पहले, सूत्रों के हवाले से यह सूचना दी गई थी उन्होंने इस्तीफे की पेशकश की है और इस मामले पर पीएम निवास पर भाजपा की उच्चस्तरीय बैठक हो चल रही है जिसमें पीएम मोदी, राजनाथ सिंह तथा अरुण जेटली समेत अन्य नेता शामिल हैं।

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इस घटना ने उस समय अलग रंग ले लिया, जब सरकार के नुमाइंदे के तौर पर विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह वहां पहुंचे। हुर्रियत नेताओं की मौजूदगी में सिंह की उपस्थिति ने सरकार की कश्मीर नीति पर कई सवाल खड़े कर दिए। खास तौर पर विपक्ष ने सरकार को घेर लिया है।

सरकार के लिए फजीहत तब हो गई, जब खुद सिंह ने भी समारोह में अपनी शिरकत से नाराज दिखे। उन्होंने कार्यक्रम से लौटते ही ट्विटर पर एक के बाद एक ट्वीट में कार्यक्रम को लेकर अपनी राय जाहिर की, जिसमें उनका असंतोष साफ झलक रहा है।

'घृणित कत्वर्य, दम बिरयानी'

कांग्रेस लीडर मनीष तिवारी ने ट्विटर पर सिंह की आलोचना करते हुए लिखा है कि मोदी सरकार के अन्य मंत्री समारोह में शामिल नहीं हुए, जबकि वीके सिंह इसे अपनी ड्यूटी बता रहे हैं। यह पाकिस्तान के साथ मोदी सरकार की दोहरी नीति को दिखाता है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कटाक्ष किया है 'घृणित कत्वर्य, दम बिरयानी'।

कई पड़ावों से गुजरी सरकार की विदेश नीति

दरअसल, कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से द्विपक्षीय संबंधों पर भारत की विदेश नीति सोमवार को कई पड़ावों से गुजरी। सरकार ने तल्ख लहजे में कहा कि पाकिस्तान से उसके रिश्तों में हुर्रियत की कोई भूमिका नहीं हो सकती। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से लंबित मामलों को द्विपक्षीय बातचीत से हल करने का संदेश दिया।

सरकार की रीति-नीति में अंतर सुबह से शाम होते ही दिख गया। पाकिस्तानी उच्चायोग के हुर्रियत प्रेम पर तल्खी के बावजूद पाकिस्तान दिवस समारोह में विदेश राज्यमंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया। सोमवार को इस समारोह में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं मीरवायज उमर फारुक, सैयद अली शाह गिलानी और यासीन मलिक समेत छह अलगाववादी नेताओं की मौजूदगी में वीके सिंह भी वहां 15 मिनट की हाजिरी के लिए पहुंचे। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर भी मौजूद थे।

मुझे सरकार ने भेजा था : वीके सिंह

हरी जैकेट पहने पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह समारोह में अपनी 'संक्षिप्त' उपस्थिति पर खीझ मिटाने की कोशिश करते हुए दावत के बाद बोले उन्हें सरकार का प्रतिनिधि बनकर जाने को बोला गया था। उन्होंने वहां भेजा, मैं गया और लौट आया। जब वीके सिंह से पूछा गया कि क्या उन्हें मोदी ने वहां भेजा था तो जवाब में उन्होंने दोहराया भारत सरकार ने उन्हें भेजा था।

समारोह से निकलकर पांच ट्वीट करके वीके सिंह यह जताने से नहीं चूके कि उन्हें जिस काम के लिए भेजा गया वह उससे नाखुश हैं। खेद और कर्तव्य के हैशटैग से मीडिया में उठे भूचाल के बाद सिंह ने अपने ट्वीट में नरमी लाते हुए कहा, 'नैतिक और कानूनी कारणों से लक्ष्य हासिल करने को व्यक्ति प्रतिबद्ध होता है।'

गलतफहमी में न रहें : विदेश मंत्रालय

इससे पूर्व भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चायुक्त अब्दुल बासित के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी जिसमें दावा किया गया था, 'अलगाववादियों को बुलाने पर भारत को एतराज नहीं।' सरकार ने कहा है कि 'कश्मीर को लेकर कोई गलतफहमी में न रहे।'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'भारत पाकिस्तान संबंधों में हुर्रियत की कथित भूमिका पर भारत सरकार के रुख के बारे में गलतफहमी या गलतबयानी की गुंजाइश नहीं है। भारत-पाकिस्तान के मसलों को हल करने के केवल दो ही पक्ष हैं। इसमें किसी तीसरे के लिए कोई जगह नहीं।'

बुलावा सामान्य प्रक्रिया : बासित

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने कहा कि उनका देश बातचीत के जरिए भारत के साथ जम्मू एवं कश्मीर विवाद सुलझाने का इच्छुक है। पाक उच्चायुक्त ने हुर्रियत नेताओं को बुलाने को सामान्य प्रक्रिया बताया। इस मौके पर जमानत पर रिहा आतंकी मसर्रत आलम को मिले पाकिस्तानी निमंत्रण ने आग में घी का काम किया।

कांग्रेस का सरकार पर हमला :

कांग्रेस ने इस मेल मुलाकात पर सरकार पर हमला बोला है। पाकिस्तान उच्चायुक्त की अलगाववादी नेता मीरवाइज से मुलाकात पर कांग्रेस ने सरकार से कड़ा रुख अपनाने की बात कही। पार्टी नेता मनीष तिवारी ने कहा, 'पाकिस्तान को अलगाववादियों की आवभगत बंद करनी चाहिए।' जबकि भाजपा ने इसे हर साल होने वाली कवायद करार दिया। पार्टी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा 'यह पहली बार नहीं हो रहा है।'

मोदी की नवाज को मुबारकबाद :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को पाकिस्तान दिवस की बधाई दी है। मोदी ने ट्वीट कर कहा कि 'मैंने पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को चिट्ठी लिखकर पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस की मुबारकबाद दी है। मेरा ये दृढ़ मत है कि सभी लंबित मुद्दों को आतंक और हिंसा से मुक्त खुले माहौल में द्विपक्षीय बातचीत से हल किया जाना चाहिए।

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