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नरेंद्र मोदी की है चाहत, 'पीओके' नहीं, 'पीओजेके' कहिए जनाब

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को अब पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर यानि पीओजेके के नाम से जाना जाएगा। केंद्र की नवनियुक्त मोदी सरकार के इस फैसले पर गृह मंत्रालय प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसके पीछे नरेंद्र मोदी सरकार की सोच यह है कि क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर कहने से राज्य के दो बड़े हिस्से- लद्द

By Edited By: Published: Fri, 06 Jun 2014 11:58 AM (IST)Updated: Fri, 06 Jun 2014 03:51 PM (IST)
नरेंद्र मोदी की है चाहत, 'पीओके' नहीं, 'पीओजेके' कहिए जनाब

नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को अब पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर यानि पीओजेके के नाम से जाना जाएगा। केंद्र की नवनियुक्त मोदी सरकार के इस फैसले पर गृह मंत्रालय प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसके पीछे नरेंद्र मोदी सरकार की सोच यह है कि क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर कहने से राज्य के दो बड़े हिस्से- लद्दाख और जम्मू छूट जाते हैं। जबकि ये दोनों क्षेत्र बाकी हिस्से से काफी बड़े हैं।

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सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की नई सरकार जम्मू-कश्मीर के प्रति नीति में बदलाव करना चाहती है। पीओजेके यानी पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर करने पर दुनिया को यह संदेश जाएगा कि भारत सरकार जम्मू और कश्मीर को एक मानकर चल रही है और वह सिर्फ कश्मीर केंद्रीत फैसले नहीं लेती है।

इससे पहले पिछली सरकार में एक कमिटी ने इसे पीएजेके कहा था, जिसका भाजपा ने विरोध किया था। भाजपा को ए शब्द से आपत्ति थी। क्योंकि एडमिनिस्ट्रेशन के संक्षिप्त रूप के तौर पर ए का इस्तेमाल किया गया था। भाजपा ने इसका विरोध करते हुए ऑकिपाइड [ओ] का उपयोग किए जाने पर जोर दिया था। उस कमेटी की सदस्य राधा कुमार भी थीं।

अभी से विरोध भी शुरू :

जम्मू-कश्मीर की सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सरकार की इस कवायद का विरोध करना शुरू कर दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार तारिक सादिक ने कहा है, इससे क्या फायदा होगा? उनके मुताबिक, केंद्र सरकार को याद होना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर के महाराजा को भी कश्मीर का महाराज कहा जाता था।

जम्मू-कश्मीर के मसलों पर मोदी गंभीर :

ऐसा ज्ञात होता है कि जम्मू कश्मीर से जुड़े मसले नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार हैं। 26 मई को शपथ लेने के बाद पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने की बात की थी। हालांकि, केंद्रीय मंत्री के बयान पर खासा सियासी बवाल मचा।

इसके अलावा, केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर भी तेजी से काम कर रही है। इसके तहत न सिर्फ कश्मीरी पंडितों, बल्कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान और पीओके से आने वाले शरणार्थियों के पुनर्वास का काम होगा।

उल्लेखनीय है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी रैलियों में कश्मीरी पंडितों के मसले को उठाया और अपने ही देश में बेघर हुए इन लोगों के पुनर्वास का वादा किया था।

पढ़ें : विशेष दर्जा नहीं करा पाया जम्मू-कश्मीर का विकास : गडकरी


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