जल्द खत्म किये जाएंगे पुराने पड़ चुके बचे खुचे कानून, प्रस्ताव कैबिनेट में आने की उम्मीद
केंद्रीय कानून मंत्रालय ने अप्रासंगिक और बेकार हो चुके ऐसे करीब 30 कानूनों की सूची तैयार की है जिन्हें अगले दौर में समाप्त किया जाना है।
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। पुराने और अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को समाप्त करने की मुहिम में सरकार अब अपने आखिरी दौर में पहुंच गई है। ऐसे कानूनों में अब बचे रह गए 167 कानूनों को समाप्त करने की प्रक्रिया सरकार ने शुरू कर दी है और इस कड़ी में जल्दी ही कुछ कानूनों को खत्म करने का एक प्रस्ताव कैबिनेट में आने की उम्मीद है। इनमें 1850 में बने कानून से लेकर 2012 में बने कई कानून शामिल हैं।
केंद्रीय कानून मंत्रालय ने अप्रासंगिक और बेकार हो चुके ऐसे करीब 30 कानूनों की सूची तैयार की है जिन्हें अगले दौर में समाप्त किया जाना है। सूत्रों के मुताबिक जल्दी ही इन कानूनों को समाप्त करने का प्रस्ताव कैबिनेट में कानून मंत्रालय पेश करेगा। मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक या तो ये कानून इतने पुराने पड़ चुके हैं कि इनकी प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है। या फिर इनमें से कुछ कानून ऐसे हैं जिनके स्थान पर पूरी तरह नया कानून बनाया जा चुका है। लेकिन किन्हीं वजहों से इन्हें समाप्त नहीं किया गया है।
साल 2014 में केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि सरकार ऐसे कानूनों की पहचान कर उन्हें समाप्त करेगी जिनकी आज की तारीख में कोई प्रासंगिकता नहीं बची है। सरकार लगातार इस पर काम भी कर रही थी। इस दिशा में प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से एक दो सदस्यीय समिति गठित की गई थी जिसे ऐसे कानूनों की पहचान करनी थी।
समिति ने पुराने पड़ चुके और अप्रासंगिक हो चुके 1824 कानूनों की पहचान की थी। इन कानूनों को रद्द किया जाना था। अब तक 1428 एक्ट समाप्त किये जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त राज्यों से जुड़े 229 कानूनों को समाप्त करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों को भेजा जा चुका है। कानून मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इनमें से अब तक 65 कानून रद्द किये जा चुके हैं। इस तरह अब तक 1657 कानूनों को या तो समाप्त किया जा चुका है या इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब सरकार ने शेष बचे 167 कानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है। सूत्रों का कहना है पहले दौर में इनमें से 30 कानूनों को समाप्त करने की तैयारी है। इस आशय का एक कैबिनेट नोट कानून मंत्रालय तैयार कर रहा है जिसे जल्द ही कैबिनेट के विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा।
इनमें 1850 में लागू हुआ द पब्लिक एकाउंटेंट डिफॉल्ट एक्ट के साथ साथ 2012 में बना द इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (अमेंडमेंट) एक्ट भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 1981 का द अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (अमेंडमेंट) एक्ट, 1982 का द रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (अमेंडमेंट) एक्ट और 1999 में बना द हाई डिनोमिनेशन बैंक नोट (डीमोनेटाइजेशन) अमेंडमेंट एक्ट भी शामिल है।