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मोदी सरकार का 5जी स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण में सुधार का वादा, संचार मंत्री ने किया खुलासा

तीन दिवसीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन में देश-विदेश की 500 स्थापित तथा 250 स्टार्ट-अप कंपनियां भाग ले रही हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 09:46 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 09:46 PM (IST)
मोदी सरकार का 5जी स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण में सुधार का वादा, संचार मंत्री ने किया खुलासा
मोदी सरकार का 5जी स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण में सुधार का वादा, संचार मंत्री ने किया खुलासा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के बयान से निश्चिय ही 5जी स्पेक्ट्रम की कीमतों को लेकर दूरसंचार उद्योग की चिंताएं कुछ हद तक दूर होंगी। सोमवार को यहां तीसरी इंडिया मोबाइल कांग्रेस में उन्होंने वादा किया कि सरकार स्पेक्ट्रम की कीमतों के मूल्य निर्धारण से जुड़ी विसंगतियों को दूर कर इसी वित्तीय वर्ष के दौरान स्पेक्ट्रम की नीलामी सुनिश्चित करेगी।

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स्पेक्ट्रम की नीलामी इसी वर्ष होगी

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2019 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार उद्योग के समक्ष मौजूद समस्याओं और चुनौतियों से वाकिफ है। 'स्पेक्ट्रम की नीलामी इसी वर्ष होगी। ..और हम स्पेक्ट्रम के मूल्य निर्धारण की पद्धति में कुछ सुधार कर रहे हैं।'

ट्राई ने स्पेक्ट्रम की नीलामी का दिया था सुझाव

गौरतलब है कि दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई ने पिछले वर्ष सरकार को 5जी सेवाओं समेत लगभग 8644 मेगा ह‌र्त्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी का सुझाव दिया था। इसके लिए उसने कुल 4.9 लाख करोड़ रुपये का बेस प्राइस रखे जाने की सिफारिश की थी। परंतु वित्तीय दबाव झेल रहे कर्ज से दबे टेलीकॉम उद्योग ने इसे बहुत महंगा बताते हुए कीमतों में कमी का आग्रह किया था।

टेलीकॉम कंपनियों ने कहा- भारत में कीमतें कई गुना अधिक

इस विषय में कुछ टेलीकॉम कंपनियों ने दक्षिण कोरिया, स्पेन, ब्रिटेन और इटली का उदाहरण दिया है जहां 5जी बैंड की औसत कीमत 84 करोड़ रुपये प्रति मेगा ह‌र्त्ज के आसपास है। जबकि ट्राई के सुझाए बेस प्राइस के हिसाब से भारत में ये कीमत लगभग 492 करोड़ रुपये प्रति मेगा ह‌र्त्ज अर्थात 5-6 गुना अधिक बैठती है।

5जी स्पेक्ट्रम की देश में पहली नीलामी

इससे पहले सरकार ने 2016-17 में कुल 5.63 लाख करोड़ रुपये के बेस प्राइस पर सात प्रकार के बैंड (3जी व 4जी) के तहत कुल 2354.44 मेगा ह‌र्त्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की थी। परंतु उसे केवल 965 मेगा ह‌र्त्ज की बिक्री से मात्र 65,789 करोड़ रुपये ही प्राप्त हुए थे। नतीजतन सरकार ने 2017-18 तथा 2018-19 में स्पेक्ट्रम की कोई नीलामी नहीं की। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में होने वाली नीलामी 5जी स्पेक्ट्रम की देश में पहली नीलामी होगी।

तीन दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश की कई कंपनियां भाग ले रही हैं

तीन दिन तक चलने वाली इंडिया मोबाइल कांग्रेस मुख्यतया 5जी से जुड़ी प्रौद्योगियों के प्रदर्शन और निवेश आकर्षण पर आधारित है। प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन में देश-विदेश की 500 स्थापित तथा 250 स्टार्ट-अप कंपनियां भाग ले रही हैं। इसमें एक लाख लोगों के किसी न किसी रूप में शिरकत करने की उम्मीद है।


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